उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं। फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पर नौकरी करनेवाले अभी 1427 शिक्षक सामने आ गये हैं। इनसे अब 900 करोड़ रुपये की वसूली होगी। किसी भी शिक्षा की नींव माने जानेवाले बेसिक शिक्षा में इस तरह का फर्जीवाड़ा करनेवाले शिक्षकों के साथ विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी सरकार की रडार पर हैं। अनामिका शुला के नाम पर 24 जिलों में फर्जी अनामिका शुला के साथ ही 1427 फर्जी शिक्षक पकड़े गये हैं। इनमें से 930 की सेवा समाप्त कर दी गयी है, जबकि 497 के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
अब सरकार की नजर मदद पहुंचाने वालों पर है। इन्हें भी बक्शा नहीं जायेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। बताया जा रहा है कि तीन जुलाई तक ब्योरा निदेशालय आ जायेगा। उसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के कार्यालय में रिपोर्ट पहुंचने पर वसूली की कार्रवाई होगी। इस प्रकरण में एक-एक शिक्षक से करीब 60-60 लाख रुपये वसूले जायेंगे। प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स, आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में बीएड की फर्जी डिग्री मिलने के बाद से जांच में लगी थी।
यहां पर एसटीएफ को करीब साठ प्रतिशत फर्जी डिग्री मिलने के बाद सनसनी फैल गयी। इन्हीं फर्जी डिग्री की मदद से प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग शिक्षक बनकर सरकारी स्कूलों में पहुंचे। 1427 फर्जी शिक्षकों में से 117 शिक्षक 50 करोड़ से ज्यादा सैलरी के रूप में ले चुके हैं। ये सभी एटा के हैं, जहां से अनामिका शुला प्रकरण सामने आया था। इन सभी फर्जी शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस मिलने के एक सप्ताह के भीतर पैसा जमा करने के लिए कहा गया है। इनका निर्धारित समय में पैसा जमा नहीं हुआ, तो आरसी काट दी जायेगी।