मेरठ। भैसाली ग्राउंड में श्रीराम कथा के सातवें दिन व्यास पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ने श्रोताओं से कहा कि भारत में केवट और त्याग प्रेरणा हम सभी को लेनी चाहिए, क्योंकि राम और भरत में संपत्ति का बंटवारा नहीं किया, बल्कि विपत्ति का बंटवारा हुआ और केवट ने समर्पित भाव से भगवान राम के पैर धोए। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी मां अपने बेटे को कष्ट नहीं देती है। इस आयोजित श्रीराम कथा में हर रोज हजारों की संया में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। कथा में व्यास जी ने वनगमन के समय श्रीराम की भेंट उनके प्रिय शाखा निषाद राज गुरु से कराई, तत्पश्चात गंगा नदी पार करने के लिए भगवान केवट से मिले। भगवान को सामने साक्षात पाकर केवट जी ने अपनी व्यथा सुनाई केवट ने कहा कि जब तक आप अपना पैर नहीं धुलवाएंगे, तब तक में नदी पार नहीं करुंगा। अंत में भगवान को विवश होकर केवट से चरण धुलवाने पड़े।
भगवान के चरण पकडऩे का अवसर केवट को प्राप्त हुआ। जिससे उसके साथ-साथ उसकी समस्त पीढ़ी तर गई। आप सभी यदि सच्चे मन से भगवान की भक्ति करेंगे तो भगवान के दर्शन प्राप्त होंगे और आप भी तर जाएंगे। पूज्य श्री व्यास जी ने राम-भरत मिलन प्रसंग सुनाते हुए कहा किए प्रभु राम, भरत को रघुवंश का हंस कहा भरत प्रेम रुपी अमृत के सागर हैं। भरत चित्रकूट से श्री राम की चरण पादुका लेकर आए, चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर भगवान के अयोध्या वापस आने के पूर्व भी राम राज्य की स्थापना कर डाली। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि जब हम अपने जीवन मात्र से अपने प्रति सबसे योगदान करेंगे और भगवान राम पर दृष्टिगत करेंगे तो अनुभव करेंगे कि अपने जीवन में हमारा योगदान शून्य है। हम सभी को अपनी योग्यता बढ़ानी होगी। देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने गीता का सार अध्ययन करने के बाद अपनी योग्यता का विस्तार कर अपना पूरा जीवन राष्ट्र की उन्नति हेतु लगा दिया। स्वामी विवेकानंद जी ने अमेरिका में वेदांत का प्रचार कर अध्यात्म की दिशा में भारत को विश्व का सिरमोर बनाया।
उन्होंने बताया कि जो सच्चा ज्ञानी होता हैं वही समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। उन्होंने कहा की कनिष्ठ भी अपने गुणों से श्रेष्ठ हो सकता है क्योंकि श्रेष्ठता सदैव गुणों पर ही निर्भर करती है विषम परिस्थितियों में कष्टों को झेलने को देखने का प्रयास करना चाहिए। जो कि श्रेष्ठता प्राप्त करने का यह प्रथम सोपान है। भारत से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि त्याग, भक्ति सदैव श्रेष्ठ होती है। पूज्य गुरु जी संस्कृत विद्यालय में जाकर उसके दर्शन किये और छात्रों को संबोधित किया। इसके पश्चात महाराज जी बिलेश्वर मंदिर निकट मधुबन सिनेमा पर जाकर भगवान भोले के दर्शन कर भगवान के भोलो को संबोधित किया। कथा के मुख्य यजमान मयंक मोहन गुप्ता, सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, मुकेश सिंघल, पूर्व विधायक अमित अग्रवाल, संघ परिवार से धनीराम, जतन स्वरुप, विनोद भारतीय, ईश्वर चंद कंसल, प्रदीप कुमार, अरुण सोलंकी, आदित्य दुबलिश, अनुज राठी, संजय त्रिपाठी, संजीव गुप्ता, गौरव गोयल, अमन गुप्ता, राजेश दीवान आदि मौजूद रहे।