भक्त और भगवान के बीच भी करोना ने बढ़ाई दूरी

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200 साल में पहली बार सिद्धि विनायक मंदिर बंद, काशी विश्वनाथ में भगवान को भी मास्क पहनाया गया, देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में भी प्रशासन ने प्रतिबंध लागू किए

कोरोनावायरस का खतरा अब भगवान और भक्त के बीच भी दूरियां बढ़ा रहा है। 38 लोगों में संक्रमण की पुष्टि के बाद महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। उधर, मध्य प्रदेश सरकार ने भी उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दर्शन पर भी रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की थी कि मंदिरों में भीड़ को कम करें। ट्रस्ट की बैठक के बाद सिद्धि विनायक मंदिर को बंद करने का फैसला किया गया। 19 नवंबर 1801 में बनकर तैयार हुआ यह मंदिर करीब 200 साल में पहली बार इस तरह से बंद हुआ है। दगड़ूसेठ गणेश मंदिर और तुलजा भवानी मंदिर : पुणे के श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई गणेश मंदिर में दर्शन से पहले भक्तों के हाथों का सेनिटाइजेशन अनिवार्य कर दिया गया है। भक्तों को मास्क पहनकर आने का निर्देश भी मंदिर प्रशासन की ओर से दिया गया है। ओस्मानाबाद के तुलजा भवानी मंदिर में भी 31 मार्च तक भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

बेलूर मठ : रामकृष्ण मठ के मुयालय कोलकाता के बेलूर मठ में सभाओं पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा प्रसाद वितरण पर भी रोक लगा दी गई है। अगले आदेश तक मुख्य मंदिर में ज्यादा भीड़ जमा होने पर भी रोक लगा दी गई है। जगन्नाथ मंदिर : जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने 12वीं सदी के मंदिर में भक्तों के दर्शन के लिए नियमावली जारी की है। प्रशासन के मुताबिक, श्रद्धालुओं को पूजा के दौरान मास्क पहनना होगा और लगातार हाथ धुलने होंगे। उन्हें अपने नाक, कान और आंख छूने से बचना होगा। भक्तों को कतारों में खड़े होने और करीब दो मीटर की दूरी बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर : कोरोना संक्रमण के चलते यहां आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद पर असर पड़ा है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों को पूजा के दौरान हाथ धुलने, मास्क पहनने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। यहां भगवानों को भी मास्क पहनाया गया है।

महाकाल मंदिर, पीतांबरा पीठ : यहां होने वाली भस्मारती में आम लोगों के प्रवेश पर अगले आदेश तक बैन लगा दिया गया है। वीआईपी श्रद्धालुओं को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। आरती में केवल पुजारी ही मौजूद रहेंगे। उज्जैन स्थित मंगलनाथ, हरसिद्धि, कालभैरव और सांदीपनि आश्रम में भी श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग की जा रही है। दतिया के पीतांबरा पीठ में भी दर्शनों पर रोक लगा दी गई है। यहां श्रद्धालु नवरात्रि में भी नहीं आ सकेंगे। वैष्णो देवी और शिरडी में भी सतर्कता : वैष्णो देवी मंदिर प्रशासन ने एनआरआई, विदेशी नागरिकों और हाल में विदेशों से लौटे भारतीयों से अपील की है कि वे मंदिर में आने से पहले 28 दिन आइसोलेशन में बिताएं। शिर्डी में साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट ने भक्तों से फिलहाल दर्शनों के लिए ना आने की अपील की है। स्वामी नारायण मंदिर ने दुनियाभर के अपने मंदिरों में बड़े आयोजन रोक दिए हैं।

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