गणित की विधि बताएगी योगासन की सही मुद्रा

0
203

शोधकर्ताओं ने स्थिरता और सटीकता के आधार पर योगासनों की शुद्धता मापने की एक गणितीय मैट्रिस टेनीक विकसित की है। यह गणितीय मैट्रिस इलेट्रोमायोग्राफी पर आधारित है। ईएमजी के जरिए मांसपेशियों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है, अब इससे योगासनों के सही मुद्रा और शुद्धता का पता लगाया जा सकेगा। इसमें सही सुधार किए जा सकेंगे। इससे साधक आसनों का अधिक फायदा पा सकेंगे। कर्नाटक के एमएस रमैया मेडिकल कॉलेज के डॉ. एसएन ओमकार के नेतृत्व में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रमेश डीवी ने यह शोध किया है। इस शोध में योगासनों के दौरान मांसपेशियों के व्यवहार पर अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों मापदंडों का अध्ययन करने के लिए ईएमजी का उपयोग किया। अध्ययन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साइंस एंड टेनोलॉजी ऑफ योगा एंड मेडिटेशन (सत्यम) प्रोग्राम के सहयोग से किया गया।

इसमें 21 से 60 साल की आयु वाले 60 स्वस्थ महिला और पुरुष प्रतिभागी शामिल हुए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) बेंगलुरू की बायोमैकेनिस प्रयोगशाला में दो साल तक यह अध्ययन चला। शामिल प्रतिभागियों को फाइनल पोजीशन में सामान्य सांस और शांत मस्तिष्क के साथ 20 सेकंड तक रहने को कहा गया था। यही प्रक्रिया विभिन्न योगासनों के साथ दोहराई गई। इन आसनों में प्रमुख रूप से त्रिकोणासन, वृक्षासन, वीरभद्रासन, पाश्र्वकोणासन शामिल थे। डॉ. ओमकार बताते हैं, ‘गणितीय विधि से सटीक योगासन करने के अलावा अधिकतम लाभ पाने में भी मदद मिलेगी। इससे योगाभ्यास करने वाले मांसपेशी की गतिविधि जान पाएंगे, जिससे वह आवश्यक सुधार भी कर सकते हैं। यह विधि योग की यांत्रिकी को समझने में मदद करेगी। साथ ही भविष्य के अध्ययन के लिए नींव भी तैयार करेगी।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here