सार गीता का सार By admin - October 22, 2020 0 620 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp संयम का प्रयत्न करते हुए ज्ञानी मनुष्य के मन को भी चंचल इन्द्रियां बलपूर्वक हर लेती हैं जिसकी इन्द्रिया वश में होती हैं उसकी बुध्दि स्थिर होती है। विषयों का चिंतन करने से विषयों की आसक्ति होती है। आसक्ति से इच्छा उत्पन्न होती है।