चुनाव प्रक्रिया में सतर्कता जरूरी

0
232

एक ओर कोरोना महामारी फिर से अपने पंख पसार रही है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नए स्ट्रेन ने देश के लगभग 18 राज्यों को अपनी चपेट में लिया है। दूसरी ओर चुनाव आयोग प. बंगाल, तमिलनाडू, केरल, असम व पुडूचेरी विधानसभा के चुनाव कराने वाला है। कोरोना संक्रमण के बारे में कहा तो ये जा रहा है कि ये नया स्ट्रेन यूके व साउथ अफ्रीका से आया है। जब लगभग तीन माह पहले ब्रिटैन अफ्रीका में ये वायरस अपने पैर पसार रहा था तो हमारी सरकार ने सतर्कता बरते हुए इन दोनों देशों से हवाई यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। सवाल पैदा होता है कि इतनी सतर्कता के बावजूद यह नया स्ट्रेन देश में कैसे आया? क्या हमारी सरकार के आदेशों को हवा उड़ाया गया क्या हमारे विदेश मंत्रालय ने नए स्ट्रेन को लेकर हवाई यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया। बरहाल ये मामला अत्यंत चिंतनीय है। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्य प. बंगाल, तमिलनाड्,केरल, असम और केंद्र शासित राज्य पुडूचेरी में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। इन पांच राज्यों में केरल भी शामिल है, जहां बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौरान विधानसभा चुनाव होने हैं।

जिन राज्यों में कोरोना अपने पैर पसार रहा है क्या वहां चुनाव नहीं टाले जा सकते, यदि वहां चुनाव होते हैं तो उन अफवाहों को बल मिलेगा कि आम लोग फैला रहे हैं कि कोरोना का खौफ केवल किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए फैलाया जा रहा है। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कोरोना से बचने के लिए केंद्र व राज्य सरकार या प्रबंध करेगी। इन राज्यों में पार्टियों की जनसभाएं भी आयोजित होंगी जिसमें हजारों लोगों से आने का आह्वान भी किया जाएगा। ऐसे में तो कोरोना महामारी के फैलने का और भी भय बना रहेगा। यदि महाराष्ट्र पर चर्चा की जाए तो वहां कोरोना का संक्रमण सर्वाधिक है, इसके बावजूद वहां तीन जिलों में जनवरी माह में नगर निकाय के चुनाव कराए गए हैं। इसी तरह पंजाब में नगर निकाय चुनाव कराए गए हैं। इसी तरह गुजरात में नगर निकाय के चुनाव कराना या दर्शा रहा है? चुनाव के दौरान भले ही आचार संहिता का याल रखा जाता है, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर क्या ध्यान रखा जा रहा है। यदि केंद्र के साथ स्थानीय सरकार गंभीर है तो ये चुनाव कुछ समय के लिए टलवाए भी जा सकते हैं।

जिस तरह से मध्यप्रदेश में नगर निकाय के चुनाव लगभग एक साल से टाले जा रहे हैं। इस नए स्ट्रेन को लेकर जिस तरह प. बंगाल की सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी व कोरोना टेस्ट कराने का निर्देश दिया है, वैसा ही देश के सभी राज्यों को करना चाहिए ताकि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके। हालांकि चुनाव आयोग कोरोना संक्रमण देखते हुए सत है उसने मतदानकर्मियों को वैक्सीनेशन, प्रत्याशी सहित पांच लोगों को ही चुनाव प्रचार की इजाजत दी है। इसके बावजूद मतदान भी ईवीएम से होगा, यदि कोई संक्रमित ईवीएम को छूता है उससे भी संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी। इस दौरान राजनेताओं व मतदाताओं को सतर्कता बरतनी होगी सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा यदि लापरवाही बरती गई तो कोरोना को खत्म करने के लिए अब तक किए जा रहे सारे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा। होना तो ये चाहिए कार्यकाल पूर्ण होने पर विधानसभा भंग करके वहां राष्ट्रपति शासन लागू कराए या वर्तमान सीएम को कार्यवाहक मुयमंत्री घोषित करके शासन की व्यवस्था करा दी जाए तो कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here