अब गांव से भी हार्वर्ड की पढ़ाई संभव

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शिक्षा के तकनीकी सक्षम होने से शिक्षण व सीखने का तरीका भी बदल रहा है। डिजिटल लनिंग शिक्षा पर सबकी समान पहुंच को अधिक आसान बनाएगी। छात्र जहां होंगे, वहीं से सीखने में सक्षम हो सकेंगे। किसी विश्वविद्यालय से महामारी से प्रभावित दुनिया में शिक्षा का उद्देश्य अधिक समान और न्यायपूर्ण समाज बनाना है, सभी के सीखने के लिए समान अवसर पैदा करना है। ऑनलाइन शिक्षण पाने वाले छात्र किसी भी ए ग्रेड संस्थान के साथ ही लोगों को अपने कौशल में सुधार लाना है, नए कौशल सीखने हैं ताकि वे महामारी से प्रभावित न होने वाली नौकरियां पा सकें। शिक्षा का पहले एलुमिनी छात्रों के समान ही किसी जॉब के लिए आवेदन कर सकेंगे। एडेक्स जैसे प्लेटफॉर्म मॉड्यूलर क्रेडेंशियल्स प्रदान मसला जैसा स्वमा अब कभी नहीं रहेगा। ऑनलाइन सीखने की बढ़ती मांगा व उसे अपनाया जाता जारी रहेगा जिससे बहुत बड़ा डेटा मिलेगा जैसे एक वीडियो कर रहे हैं जिसे विद्यार्थी कॉलेज में दाखिले से पहले पर खर्च हो रहा औसत समय, उसे कितनी बार री-ले किया गया,डिस्कशन फोरम पर सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल, मूल्यांकन प्रदर्शन, सौखने के ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं।

अभी तक ट्रेंड था कि स्कूल अनत अग्रवाल बतात आदि। अविष्य के स्वरुप के लिए इन्हीं बिंदुओं का सधन विश्लेषण व अनुसंधान होगा। लेवल पर कोई विद्यार्थी इंजीनियरिंग स्ट्रीम में है तो वह आगे चलकर बीटेक ही करेगा या संभवतः एमबीए की तरफ बढ़ेगा। विड-19 ने शिक्षा में तकनीक को आवश्यक रूप से लेकिन अब कॉलेज में दाखिले से पहले ही उसके पास माइक्रो का अपनाए जाने का महत्वपूर्ण सबक दिया है। कक्षाओं बैचलर या माइक्रो मास्टर्स जैसे कोर्स उपलब्ध हो गए हैं। का स्वरूप बदल गया है। पढ़ाने के पारंपरिक तरीके के साथ कॉलेज में दाखिले से पहले आप इनमें से कोई कोर्स करें और अब एडेक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर उच्च गुणवत्ता वाली ऑनलाइन आगे की पढ़ाई से पहले उसके लिए कुशलता हासिल कर लें। सामग्री का ब्लेंडेड स्वरूप उपलब्ध है। व्यक्तिगत शिक्षण के यानी कम समय में हासिल किए गए कौशल से पूरी डिग्री पाने साथ ऑनलाइन शिक्षण का एकीकरण न्यू नॉर्मल बन गया है में अपेक्षाकृत कम समय लगेगा और इस तरीके से नौकरी पाने जो अंततः उच्च गुणवत्ता की शिक्षा व सीखने की दिशा में ही में भी ज्यादा आसानी होगी। ऑन-कैंपस डिग्री में मॉड्यूलर ले जा रहा है।

शिक्षा हमेशा से स्वच्छ पानी और साफ हवा तक ऑनलाइन शिक्षा अपनाने पर इससे संबद्ध उद्योगों पर भी असर पहुंच की तरह एक मानवाधिकार है। शिक्षा का उद्देश्य पड़ेगा। जैसे शिक्षार्थी घर से पढ़ सकेंगे तो ट्रैवल सेक्टर कुशलता हासिल कर करियर में प्रगति के साथ दुनिया का प्रभावित होगा। हॉस्टल की जरूरत कम होने लगेगी यानी अच्छा नागरिक बनना है। कोविड महामारी ने कई प्रणालियों रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित होगा। जूम/स्काइप पर कक्षाएं में असमानताओं को उजागर किया। इसमें शिक्षा से जुड़े तमाम लगेंगी तो लैपटॉप, मोबाइल फोन की जरूरत व खरीद बढ़ेगी मुद्दे भी शामिल हैं। यानी आईटी/आईटीईएस और नेट सेवा प्रदाता सेक्टर प्रभावित महामारी से प्रभावित दुनिया में शिक्षा का उद्देश्य अधिक महामारी से प्रभावित न होने वाली नौकरियां पा सकें। शिक्षा रहा औसत समय, उसे कितनी बार री-प्ले किया गया, होगा। वर्क फ्रॉम होम की तरह लर्न फ्रॉम होम न्यू नॉर्मल बनेगा समान और न्यायपूर्ण समाज बनाना है, सभी के सीखने के का पहले जैसा स्वरूप अब कभी नहीं रहेगा। ऑनलाइन डिस्कशन फोरम पर सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल,

जिससे कॉरपोरेट ट्रेनिंग मार्केट में इंस्ट्रक्टर प्रभावित होंगे। लिए समान अवसर पैदा करना है। साथ ही लोगों को अपने सीखने की बढ़ती मांग व उसे अपनाया जाना जारी रहेगा मूल्यांकन प्रदर्शन, सीखने के बर्ताव आदि। भविष्य के स्वरूप कौशल में सुधार लाना है, नए कौशल सीखने हैं ताकि वे जिससे बहुत बड़ा डेटा मिलेगा जैसे एक वीडियो पर खर्च हो के लिए इन्हीं बिंदुओं का सघन विश्लेषण व अनुसंधान होगा।

(लेखक अन्नत अग्रवाल सीईओ, एडेक्स हार्वर्ड-एमआईटी हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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