21 जून को दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होंगी

0
359

दुर्लभ ग्रह स्थिति में सूर्य ग्रहण होगा, 6 ग्रह वक्री रहेंगे, 500 सालों में ऐसी स्थिति नहीं बनी, साथ ही साल का सबसे बड़ा दिन भी

21 जून को दो बड़ी खगोलीय घटनाएं होने वाली हैं। पहली घटना सूर्यग्रहण है। इसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा इस तरह आ जाएगा कि सूर्य का आधे से ज्यादा हिस्सा छिप जाएगा और कंगन की तरह दिखाई देगा। इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। दूसरी घटना, 21 को ही सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर आ जाएगा। जिससे ये साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा। ये सदी का दूसरा ऐसा सूर्यग्रहण है, जो 21 जून को हो रहा है। इससे पहले 2001 में 21 जून को सूर्य ग्रहण हुआ था। ज्योतिष के नजरिये से 21 जून, यानी रविवार को होने वाले सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की ऐसी स्थिति बन रही है, जो 500 सालों में नहीं बनी। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र ने बताया कि आषाढ़ महीने में लग रहे इस सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति देश और दुनिया के लिए ठीक नहीं है। पं. मिश्र ने बताया कि यह ग्रहण राहुग्रस्त है। मिथुन राशि में राहु सूर्य-चंद्रमा को पीडि़त कर रहा है। मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है।

इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे। राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते है। इन 6 ग्रहों की स्थिति के कारण ये सूर्य ग्रहण और भी खास हो गया है। पं. मिश्रा ने बताया कि देश में इस ग्रहण का अशुभ असर दिखेगा। वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता के अनुसार इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पडऩे से देश में आगजनी, विवाद और तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। आषाढ़ महीने में ये ग्रहण होने से मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, कश्मीर और दिल्ली के पर इसका विशेष असर देखने को मिलेगा। इनके साथ ही यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर भी इसका अशुभ असर पड़ेगा। वहीं अफगानिस्तान और चीन के लिए भी ग्रहण अशुभ रहेगा। रविवार को सूर्य ग्रहण सुबह करीब 10.20 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.49 बजे खत्म होगा। इसका सूतक 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात 10.20 पर शुरू हो जाएगा। जो कि ग्रहण के साथ ही खत्म होगा। ये ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई, इथियोपिया और कांगो में दिखाई देगा। 12 में से 8 राशियों के लिए अशुभ: वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन।

सामान्य : मेष, मकर, कन्या और सिंह।
क्या करें और या नहीं: ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलें। ग्रहण से पहले स्नान करें। तीर्थों पर न जा सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं। ग्रहण के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए। पं. मिश्रा ने बताया कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सोना, यात्रा करना, पत्ते का छेदना, तिनका तोडऩा, लकड़ी काटना, फूल तोडऩा, बाल और नाखून काटना, कपड़े धोना और सिलना, दांत साफ करना, भोजन करना, शारीरिक संबंध बनाना, घुड़सवारी, हाथी की सवारी करना और गाय-भैंस का दूध निकालना। इन सब बातों की मनाही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here