दिनांक – 12 जून 2022
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – त्रयोदशी रात्रि 12:26 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र – विशाखा रात्रि 11:58 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग – शिव शाम 05:27 तक तत्पश्चात सिध्द
राहुकाल – शाम 05:40 से शाम 07:21 तक
सूर्योदय – 05:57
सूर्यास्त – 19:19
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत, त्रिदिवसीय)
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।