सीता हरण, जटायु मोक्ष, शबरी भेंट व हनुमान मिलन प्रसंग सुनाया
मेरठ। भैंसाली ग्राउंड में चल रही श्रीराम कथा के आठवें दिन मंगलवार को पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ने श्रोता से कहा की शबरी की भक्ति से प्रभावित होकर भगवान श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इसके अलावा सीता हरण, जटायु मोक्ष, शबरी भेंट व हनुमान मिलन प्रसंग को सुनाया। जिस पर सभी श्रोता भावविभोर हो गए। श्रीराम कथा में व्यास जी ने स्वर्ण मर्ग, सोने का हिरण की घटना का बड़े रोचक ढंग से वर्णन करते हुए कहा कि जब भक्ति भगवान से विमुख होकर केवल भौतिक साधनों की ओर आकर्षित होती है, तब उसे भगवान प्राप्ति के लिए भटकना नहीं पड़ता। जैसे मां सीता जानकी सोने का हिरण नहीं हो सकता, परंतु सोने की लालच में प्रभु श्रीराम जैसे सोने को भूल गई। जटायु के प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि जो दूसरों की सेवा में लगा रहता है, उसकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं।
जैसे जटायु ने मां सीता की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किया तो प्रभु श्री राम ने एक अधम पक्षी गिद्ध जाति को उठाकर अपनी गोद में बैठा कर सीने से लगाया। जिसका परिणाम तुलसीदास जटायु को मानस में परम बड़भागी कहा और जटायु सीधे भगवान को विमान से सीधे स्वर्ग में स्थान को प्राप्तकिया। जैसे शबरी भगवान की भक्त थी फि र भी श्री राम यह जानते हुए कि वह भीलनी जाति की है। इसके बावजूद उसके झूठे बेरों को खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। भगवान की साधना में जाती पाती का भेदभाव नहीं होता। भगवान शबरी को नवधा भक्ति का उपदेश दिया। व्यास जी ने कहा कि सुग्रीव से मिलना व बाली वध के प्रसंग के माध्यम से समाज को संदेश दिया की अधर्म कितना भी मजबूत हो अंत में उसे पराजित होना पड़ता है और अधर्म पर धर्म की विजय सदैव होती है लेकिन भगवान श्रीराम ने एकाएक केवट को अनुमति नहीं दी, कई जतन के बाद केवट को पैर धोने की अनुमति मिली।
तब केवट अपने घर जाकर पत्नी को सारी घटना के बारे में बताया तो पत्नी भावुक हो गई पत्नी ने कहा कि आज प्रभु के चरण धोने का सौभाग्य मिला है, लेकिन घर में सोने के पात्र तो दूर की बात है। लोहे के पात्र भी नहीं है, जब केवट ने कहा कि घर में जो लकड़ी का पात्र है, इसमें प्रभु के चरण होने की बात कही। कथा के यजमान मयंक मोहन गुप्ता, क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी त्यागी, मुकेश सिंघल, सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, मनिंदर पाल सिंह, पूर्व विधायक अमित अग्रवाल, हर्ष गोयल, अनिल कुमार,हरिकांत अल्हुवालिया, चरण सिंह लिसाड़ी, मनोज जाटव व संघ परिवार से अनिल, ईश्वर दयाल, अनिल कुमार गर्ग, प्रदीप कुमार, विनोद, अशोक, दीपक शर्मा, ललित नागदेव, संजय त्रिपाठी, कमल दा शर्मा, गौरव गोयल, अंकित सिंघल, अमित शर्मा, मनोज वर्मा, अरविंद मारवाड़ी आदि उपस्तिथ रहे।