इस मंदिर में चढ़ाई जाती है चप्पल-सैंडल

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भारत में कई चमत्कारी और अनूठी परंपराओं वाले मंदिर है। कर्नाटक में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भक्त चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि मां रात में इन्हे धारण करती हैं। यह मंदिर कर्नाटक के गुलबरगा में है। गुलबर्गा हैदराबाद से 220 किमी दूर है। यह लक्ष्मी देवी की मंदिर है, जहां स्थित एक नीम के पेड़ पर भक्त चप्पल या सैंडल चढ़ाते हैं। भक्तों में मान्यता है कि देवी यहां टंगी गई चप्पल को रात में पहनती हैं और इससे चप्पल चढ़ाने वाले के दुख दर्द दूर हो जाते हैं। खासतौर पर पैरों और घुटनों का दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाता है। बड़ी संख्या में पैर के दर्द से परेशान भक्त यहां पहुंचते हैं। लकम्मा देवी मंदिर को लेकर यहां के गांवों में एक कहानी बहुत प्रसिद्ध है।

लोगों की मान्यता है कि देवी मां एक बार पहाड़ी पर टहल रही थी। इस दौरान दुत्तारा गांव के देवता की जनर उन पर पड़ गई। देवता ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। देवी बचने के लिए अपने सिर को जमीन में धंसा लिया। यह मंदिर वही बना है और आज भी यहां देवी की पीठ की पूजा होती है। एक समय यहां बैलों की बलि दी जाती थी, जिस पर सरकार ने पाबंगी लगा दी हैं। लोगों का कहना है कि बैलों की बलि पर पाबंदी के बाद देवी को चप्पल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई थी जो आज भी जारी है। मुस्लिम अपनी स्वेच्छा से इस मंदिर के पुजारी बनते हैं। इसके पीछे कोई तर्क या कहानी नहीं है। वे सालों से इस परंपरा को निभा रहे हैं। इस मंदिर में सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी पूजा करने आते हैं। दिवाली के बाद आने वाली पंचमी पर यहां बड़ा मेला लगता है। दूर-दूर से भक्त आते हैं और नीम के पेड़ पर चप्पल टांग कर जाते हैं। इस आयोजन को फुटवियर फेस्टीवल के नाम से भी जाना जाता है।

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