जीवन में अपने लाओ तुम योगा।
पाओगे खुद फिर तुम स्वयं को निरोगा।।
अपनाकर इसे लो खुद से आश्वासन।
मिलेगा फिर तो तुमको स्वस्थ ये जीवन।।
ये है ऋषि-मुनियों का दिया बड़ा उपहार।
ना करो तुम इसका कभी भी बहिष्कार।।
योगा करता जीवन में औषधि का काम।
पाओगे जीवन में इससे बुद्धि और ज्ञान।।
योगा में हैं कई तरह के आसन।
है इसमें श्वासन, पदमासन और है ब्रहा्रसन।।
पर, इनमें उच्चतम कहलाता है प्रणायाम।
होता जिससे जीवन की अनेकों समस्याओं का समाधान।।
ज्योति