बहुला चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से गौ माता की पूजा की जाती है। महिलाएं अपने बच्चों की लंबी आयु और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। बहुला चतुर्थी का व्रत मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
इस दिन, भक्तगण गायों को विशेष रूप से सजाते हैं, उन्हें अच्छे भोजन (जैसे घास, गुड़, और अन्य पारंपरिक भोजन) का भोग लगाते हैं। कुछ लोग इस दिन गाय को गोद लेने या उन्हें दान देने की परंपरा भी निभाते हैं। इस व्रत में महिलाएं निर्जल रहकर व्रत करती हैं और शाम को भगवान गणेश और गौ माता की पूजा करती हैं। पूजा के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
बहुला चतुर्थी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, जिसमें गौ माता को सम्मान और उनके संरक्षण पर जोर दिया जाता है।
भाद्रपद महिने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण मास) को बहुला चतुर्थी व बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत किया जाता है। इस बार यह चतुर्थी 22 अगस्त, गुरुवार को