बल्लू ब्राहमणों से क्यों छुड़ा रहे हैं पल्लू

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उ प्र में कांग्रेस से ब्राह्मण नेताओं को अपमानित कर निष्कासित करवाने वाले उ प्र कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का ब्राह्मणों से नफरत करने का कारण क्या है ? मेरे कुछ अनसुलझे सवाल कृपया कांग्रेस के महाज्ञानी
मुझ कूढ़मगज को इनके जबाव देने का कष्ट करें। मैं कांग्रेस के मठाधीश अजय कुमार लल्लू जी से पूछना चाहता हूँ कि वो हाईकमान को गुमराह कर उ प्र के ब्राह्मणों को कांग्रेस से निष्कासित करा अपना कौन सा हित साधने में लगे हैं स्पष्ट करें ? अजय कुमार लल्लू ब्राह्मणों से अपनी नफरत का कारण स्पष्ट करें ? क्या इन दिग्गज ब्राह्मण नेताओं के निष्कासन होने से कांग्रेस धरातल पर मजबूत हो जाएगी ? क्या इन ब्राह्मण नेताओं के निष्कासन से कांग्रेस के अंतिम पंक्ति के कार्यकर्ता भी अब विधायक का चुनाव या एम पी का चुनाव लडऩे लायक समझे जाएंगे या फिर वही पूर्व की भांति पैराशूट प्रत्याशी इन कार्यकर्ताओं के ऊपर सवार कर दिए जाएंगे ? स्पष्ट करें ? सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी जिंदाबाद से इंकार नहीं लेकिन कांग्रेस में अंतिम पंति का कार्यकर्ता कब जिंदाबाद होगा ?

क्या कांग्रेस में अंतिम पंक्ति के कार्यकर्ता के मान सम्मान की बात करना अनुशासनहीनता माना जाता है ? कांग्रेस में कार्यकर्ता के हक पर डाका डालना और उनसे छल करना कब बंद होगा ? यदि ऊपर लिखी सारी बातों पर कार्यकर्ता हित में सुधार कर लिया जाए तो हमें अपना असंवैधानिक रूप से किया गया निष्कासन भी कुबूल है । पार्टी में पद या टिकट पाने का पैमाना क्या है ? काम का आधार या दाम का आधार या गणेश परिक्रमा या उस कार्यकर्ता के नेतृत्व में किया गया जनसंघर्ष? स्पष्ट करें। कांग्रेस से जिस प्रकार से ब्राह्मण नेता निकाले गए हैं उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कहीं न कहीं उ प्र में ब्राह्मण नेताओं का वजूद खत्म करने की साजिश रची जा रही है। उ प्र में बचे खुचे दिग्गज ब्राह्मण नेताओं को निष्कासित कराकर लल्लू किसको मजबूत कर रहे हैं स्पष्ट करें ? एक बात और लल्लू के साथ उन छुपे चेहरे ( आल इंडिया काँग्रेस के सचिव रोहित चौधरी) को बताना चाहता हूँ कि एक अकेला ब्राह्मण ही बिना हथियार उठाये किसी के भी साम्राज्य को तहस नहस कर सकता है। बस इसे याद रखें वो लोग।

ब्राह्मण हमेशा सत्ता का केंद्र रहा है जिस पर ब्राह्मण रीझा, उसे सत्ता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सका है इस बात का पूर्व उदाहरण उ प्र की बसपा सरकार है। मैं नहीं समझता इस प्रकार बुजुर्ग ब्राह्मणों को अपमानित कर निष्कासन करा वो लोग कांग्रेस को मजबूत कर रहे हैं । या साजिश रचने वालों में अपने बुजुर्ग माता पिता को घर से निकालने का हौसला है अगर नहीं तो फिर कांग्रेस को अपना पूरा जीवन देने वाले हमारे इन बुजुर्ग ब्राह्मण नेताओं को कांग्रेस परिवार से निकालने की उनकी मंशा क्या थी ? कहीं ये ब्राह्मण नेता उनकी कांग्रेस को कमजोर करने वाली किसी साजिश में रोड़ा तो नहीं बन रहे थे ? रामकृष्ण द्विवेदी (पूर्व गृह मंत्री) सत्यदेव त्रिपाठी (पूर्व विधायक),भूदर नारायण मिश्र (पूर्व विधायक),नेकचंद पाण्डेय (पूर्व विधायक),एस पी गोस्वामी (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवक कांग्रेस),शिल्पा दीक्षित शर्मा आगरा और खुद मैं। यहां मैं खास तौर से रामकृष्ण द्विवेदी (पूर्व मंत्री) के उम्र के 85 वें पड़ाव पर अनुशासनहीन होने के आरोप को भी हास्यास्पद ही कहूंगा कि कोई भी व्यक्ति उम्र के इस पड़ाव पर अनुशासनहीन कैसे हो सकता है?

और जिन लोगों ने उनको उम्र के इस पड़ाव पर अनुशासनहीन होने का टैग देकर कांग्रेस से निष्कासित कर एक तरह से अपने संस्कारों का ही प्रदर्शन किया है। ब्राह्मण समाज अपने इन बुजुर्गों का अपमान करने वालों को कभी माफ नहीं करेगा। अब यहां हम उ प्र युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे एस पी गोस्वामी के पारिवारिक अतीत की ओर झांकने का प्रयास करते हैं कि उनका परिवार किस पृष्ठभूमि से है ? 17वीं शताब्दी के राजा हिम्मत बहादुर गिरी (असली नाम राजा अनूप गिरी गोसाईं था हिम्मत बहादुर गिरी उनकी उपाधि थी) थे उन्हीं के सेवड़ा जनपद बाँदा के वारिस कुंवर राजा स्वयं प्रकाश गोस्वामी हैं। लल्लू की ये ब्राह्मण विरोधी मानसिकता भविष्य में बहुत बड़ा गुल खिलाएगी ये तो तय है और निश्चित ही इससे उ प्र में नुकसान कांग्रेस का होना भी तय है।

पंडित संजय शर्मा
(लेखक आगरा में कांग्रेस के नेता रहे हैं ये उनके निजी विचार हैं)

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