दोहरी जिम्मेदारी खत्म हो

0
233

सचिन पायलट प्रकरण के बाद कांग्रेस पार्टी में इस बात की भी मांग उठ रही है कि राज्यों में नेताओं को दोहरी जिम्मेदारी नहीं दी जाए और जिन नेताओं के पास दोहरी जिम्मेदारी उनसे एक जिम्मेदारी तत्काल वापस ली जाए। कांग्रेस मुख्यालय में कई नेता मान रहे हैं कि सचिन पायलट को जिस समय उप मुख्यमंत्री बनाया गया थी उसी समय राज्य में कोई नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया होता तो प्रदेश में इतना बड़ा संकट नहीं खड़ा होता। ऐसे ही मध्य प्रदेश में अगर कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया या उनके किसी करीब को प्रदेश अध्यक्ष बना देती तो वहां भी संकट टल सकता है। पहले कांग्रेस पार्टी ऐसे ही काम करती थी। हर प्रदेश के तीन बड़े नेताओं को मुख्यमंत्री या विधायक दल का नेता, प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी का राष्ट्रीय पदाधिकारी बना कर एडजस्ट किया जाता था। ये तीनों अपनी अपनी राजनीति करते थे और पार्टी का केंद्रीय नेतृत उनकी पंचायत करता था। जब से कांग्रेस पार्टी में सब कुछ एक ही व्यक्ति के हाथ सुपुर्द करने का चलन शुरू हुआ तब से पार्टी राज्यों में कमजोर होने लगी। अब भी राज्यों में सब कुछ एक ही नेता के सुपुर्द है। कई राज्यों में तो एक ही नेता दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

महाराष्ट्र में सरकार बने एक साल होने जा रहे हैं पर वहां बाला साहेब थोराट की जगह नया अध्यक्ष नहीं बना है। वे कांग्रेस की ओर से राज्य सरकार में सबसे अहम मंत्री हैं और प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। यहीं स्थिति झारखंड में है। वहां भी आठ महीने से सरकार है और रामेश्वर उरांव कांग्रेस की ओर से सबसे अहम मंत्री हैं और प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों रहे और अब भी वे प्रदेश अध्यक्ष हैं और विधायक दल के नेता भी हैं। पंजाब में अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री हैं और उनके करीबी सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनवाया गया है। कांग्रेस नेता चाहते हैं कि यह स्थिति बदले और हर राज्य में एक से ज्यादा शक्ति केंद्र बनें। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के नाराज विधायकों की शिकायत सुनने के लिए तीन सदस्यों का एक पैनल बनाया है। यह पैनल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उप मुयमंत्री सचिन पायलट और उनके साथ गए 18 अन्य विधायकों की शिकायतें सुनेगा। उधर अशोक गहलोत ने भी कहा है मुयमंत्री के नाते उनकी जिमेदारी है कि वे विधायकों की शिकायत सुनें और उसे दूर करें। सो, उन्होंने भी उन विधायकों से मिलना शुरू कर दिया है, जो पायलट के साथ करीब एक महीने तक हरियाणा के मानेसर और गुडग़ांव में रहे थे। कम से कम चार विधायक उनसे मिल चुके हैं।

राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की शिकायत सुनने के लिए तीन सदस्यों का पैनल बनाए जाने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा है कि इस तरह का एक पैनल बाकी राज्यों के लिए भी बनना चाहिए या इन्हीं तीन सदस्यों को बाकी राज्यों के कांग्रेस विधायकों और दूसरे नेताओं की शिकायत सुनने का जिमा दिया जाए। ध्यान रहे कांग्रेस इस समय हर राज्य में कोई न कोई समस्या झेल रही है। खास कर ऐसे राज्यों में, जहां उसकी सरकार है। राजस्थान के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाराज नेताओं से बात की है। अभी उनकी शिकायतों पर विस्तार से सुनवाई और कार्रवाई आगे होगी। कांग्रेस के नेता इन तीन सदस्यों को परफेक्ट मान रहे हैं। उनका कहना है कि ये तीन नेता पार्टी के तीन शक्ति केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अहमद पटेल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का और पार्टी के बुजुर्ग नेताओं का प्रतिनिधि माना जा रहा है तो वेणुगोपाल को राहुल गांधी का प्रतिनिधि माना जा रहा है। प्रियंका अपने आप में एक शक्ति केंद्र हैं। तभी कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि यहीं कमेटी पंजाब का मामला भी सुने, जहां एक बार फिर कैप्टेन अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा का विवाद शुरू हो गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here