गीता का सार

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इस संसार में कोई अपना नहीं है यदि कोई अपना है तो वह उसके अपने कर्म, कर्म के आधार पर ही मनुष्य दोनों लोकों में सफलता प्राप्त कर सकता है। व्यक्ति को केवल कर्म पर ही विश्वास होना चाहिए।

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