अष्ट लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्र

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अष्ट लक्ष्मी, देवी लक्ष्मी के आठ रूपों का समूह है, जो धन, समृद्धि, स्वास्थ्य और शुभता का प्रतीक हैं। इनके नाम और महत्व इस प्रकार हैं:

  1. आदि लक्ष्मी: आदि लक्ष्मी, जो सभी लक्ष्मियों की प्रमुख हैं और जिनसे सभी रूपों की उत्पत्ति होती है।
  2. धन लक्ष्मी: धन और संपत्ति की देवी।
  3. धान्य लक्ष्मी: अनाज और खाद्य सामग्री की देवी।
  4. गजलक्ष्मी: जानवरों और अन्य संपत्तियों की देवी।
  5. संतान लक्ष्मी: संतान सुख की देवी।
  6. विजय लक्ष्मी: विजय और सफलता की देवी।
  7. विद्या लक्ष्मी: ज्ञान और शिक्षा की देवी।
  8. धैर्य लक्ष्मी: धैर्य और साहस की देवी।

इन सभी लक्ष्मियों की आराधना करने से जीवन में विभिन्न प्रकार की समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। सदगुरू की कृपा से अष्‍टलक्ष्‍मी (अदि लक्ष्मी,धान्य लक्ष्मी, धन लक्ष्मी,धैर्य लक्ष्मी,गज्ज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी ,विद्या लक्ष्मी,विजय लक्ष्मी) प्राप्‍त हो जाती है ….रोज यह मंत्र बोलकर अष्‍टलक्ष्‍मी का आह्वान कर सकें तो गुरूकृपा से यह सहज में प्राप्‍त हो जाती है –
🌷 सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि |
मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्‍मी नमोस्‍तुते ||
नमस्‍तेस्‍तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते |
शंखचक्रगदाहस्‍ते महालक्ष्‍मी नमोस्‍तुते ||
ॐ श्रीमहालक्ष्‍म्‍यै नम:
ॐ श्रीमहालक्ष्‍म्‍यै नम:
🙏🏻 गुरूकृपा से सब प्रकार की लक्ष्‍मी सुख शांति आदि की प्राप्ति होती है । जहां गुरूकृपा, वहां ये स्‍वयं आ जाती है ।

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