ट्रंप के दावे गलत नहीं

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वैसे तो अमेरीका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दंगाईयों ने देश की छवि खराब करने की पूरी कोशिश की लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि ये यात्रा बेहद सफल रही है। भले ही विश्लेषक ये दावे करें कि अमेरिकी राष्ट्रपति यहां डील करने आए थे लेकिन उन्होंने भारत की शान में जो कुछ कहा, उसके मौजूदा माहौल में मायने हैं। अपनी सीमा की रक्षा करने का हक हर देश का है, सीएए भारत का अंदरूनी मसला है ,इस्लामिक आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे ये केवल शद नहीं हैं बल्कि इनके मायने हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अहमदाबाद से लेकर दिल्ली तक अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए बताया कि मोदी सरकार की हालिया नीतियां किस तरह भारत के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं? आलोचक ट्रंप के दावों पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि उन दावों की जांच पड़ताल की जाए। ट्रंप ने कहा है कि 21वीं सदी की शुरुआत से अब तक भारतीय अर्थव्यवस्था में छह गुना वृद्धि हुई है। जीडीपी की बात करें तो ट्रंप का दावा सही है।

साल 2000 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक़, भारतीय जीडीपी 477 अरब डॉलर की थी लेकिन 2019 में भारतीय जीडीपी 2940 अरब डॉलर की हो चुकी है। ये साल 2000 के आंकड़ों की तुलना में 6.2 गुना वृद्धि है। साल 2019 में आईएमएफ़ के वैश्विक आर्थिक नज़रिए में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक़, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। ट्रंप ने ये भी दावा किया था कि एक दशक में भारत ने 27 करोड़ लोगों को गऱीबी से बाहर निकाला। ये भी काफी हद तक सही है । दरअसल 2019 की यूएन रिपोर्ट के मुताबिक़, साल 2016 में भारत में पिछले दस सालों के मुकाबले में 271 मिलियन कम लोग गऱीबी रेखा से नीचे अपना जीवनयापन कर रहे थे। हालांकि, यही रिपोर्ट ये भी बताती है कि गऱीबों की संख्या में कमी के साथ ही 36.4 करोड़ भारतीय स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और साफ़-सफ़ाई की कमी झेल रहे हैं। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि गऱीबी रेखा से नीचे रह रहे भारतीयों में से एक चौथाई भारतीयों की उम्र दस साल से कम है।

ट्रंप ने तीसरा दावा ये किया था कि मोदी राज में भारत में पहली बार हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। दरअसल साल 2018 में मोदी सरकार ने ऐलान किया था कि भारत सरकार ने हर गांव तक बिजली पहुंचाने का अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है। लेकिन इस मामले ये समझना जरूरी है कि इसका मतलब क्या है? सरकार के मुताबिक़, अगर एक गांव में दस फ़ीसदी लोगों के घरों में, सार्वजनिक संस्थानों जैसे स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र आदि में बिजली पहुंच रही है तो ये माना जाएगा कि उस गांव में बिजली पहुंच चुकी है। साल 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने तक भारत के छह लाख गांवों में से 94 फीसदी गांवों तक बिजली पहुंच चुकी थी। ट्रंप ने चौथा दावा हाईवे बनाए जाने की रफ्तार दोगुनी का किया था। ये सच है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत के हाईवे की कुल लंबाई में उल्लेखनीय इज़ाफा हुआ है। सरकार ने 2018-19 में दस हज़ार किलोमीटर दूरी के हाईवे बनाए हैं। ये 2013-14 में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए हाईवे की कुल लंबाई के दुगने से भी ज़्यादा है।

सरकार ने इस साल भी इसी तरह का लक्ष्य रखा है। नवंबर 2019 तक 5958 किलोमीटर हाईवे बनाया जा चुका है। ट्रंप ने पांचवा दावा किया था- भारत में 320 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ता का। हालांकि इस दावे को लेकर बिलकुल भी स्पष्टता नहीं है क्योंकि भारत में 600 मिलियन इंटरनेट ससक्राइबर हैं। ये भारतीय दूरसंचार नियामक संस्था की ओर से इंटरनेट उपभोक्ताओं का संख्या की गणना के लिए दिया गया मानक है। बीते कुछ सालों में इन आंकड़ों में तेज वृद्धि देखने में आई है और ये ट्रंप के दावे से कहीं ज़्यादा है। लेकिन अगर आप एक गांव की बजाए शहर में रहते हैं तो आप बेहतर ढंग से इंटरनेट इस्तेमाल कर पाएंगे और भारत में ज़्यादातर गांवों, कस्बों और छोटे शहरों में रहते हैं। इसके साथ ही इंटरनेट उपभोग के मामले में एक तरह का लैंगिक भेदभाव भी देखा जाता है। ट्रंप ने छठा दावा किया था -60 करोड़ लोगों के पास शौचालय का। साल 2014 के अक्टूबर महीने में पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था

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