कुंभः 2021 विशेष

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नव वर्ष 2021 शुरू होने के साथ ही लोगों में नई ऊर्जा का प्रवाह होना भी शुरू हो गया है। पिछला साल तो कोरोना महामारी से जूझते व लड़ते-लड़ते निकल गया।  आज भले ही कोरोना पूर्ण रूप से गया ना हो, लेकिन लोगों में इस को लेकर वह डर अब नहीं रह गया है, जो इसके शुरूआती दौर में था।  देशवासियों के लिए 2021 बेहद शुभ साबित होने वाला है, क्योंकि इस वर्ष ग्रहों की चाल की वजह से  कुंभ 12 वर्ष की जगह 11 वर्ष में पड़ रहा है और भगवान शिव को समर्पित शिवरात्री के शुभ अवसर पर 11 मार्च 2021 को कुंभ मेला के पहला शाही स्नान का आयोजन होगा। आप को बता दें कि 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है, लेकिन ग्रहों की चाल में हेरफेर से साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे। जिस वजह से कुंभ महा मेले का आयोजन एक साल पूर्व, 11 वें वर्ष 2021 में किया जा रहा है। इस लिए श्रद्धालुओं का सबसे भाव पूर्ण कुंभ मेला इस वर्ष 48 दिनों तक चलेगा।

हिंदू धर्म में कुंभ का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं के लिए यह श्रद्धा भक्ति का विशेष अवसर माना जाता है। शास्त्रों की मानें तो कुंभ मेले में गंगा स्नान सबसे महत्वपूर्ण है। शास्त्रों के धार्मिक मान्यता अनुसार यह कहा गया है कि कुंभ मेले में गंगा स्नान करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। एवं उसके तत्कालीन जीवन में उसे रोग-दोष से मुक्ति मिलती है। धर्म गुरुओं द्वारा यह भी कहा गया है कि गंगा स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। वहीं साथ ही साथ कुंभ की महत्वता पित्रों की मुक्ति के लिए पिंडदान करने में भी है।

कुंभ मेला 2021 गंगा स्नान करने की शुभ तिथियां

कुंभ मेला यूं तो 48 दिनों तक चलेगा, लेकिन ज्योतिष गणना अनुसार कुंभ मेले में गंगा स्नान करने की विशेष तिथियां होती हैं। गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष प्राप्ति के लिए सूर्य और देव गुरु बृहस्पति की अहम भूमिका मानी जाती है और इन्हीं ग्रहों की ज्योतिष गणना अनुसार कुंभ में गंगा स्नान की तिथि निकाली जाती है। इस वर्ष 2021 कुंभ मेले में गंगा डुबकी लगाने की तिथियां कुछ इस प्रकार है:-
पहला शाही स्नान: 11 मार्च शिवरात्रि
दूसरा शाही स्नान: 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या
तीसरा मुख्य शाही स्नान: 14 अप्रैल मेष संक्रांति
चौथा शाही स्नान: 27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा
2021 के 11 वें कुंभ मेले पर 6 दिन प्रमुख स्नान और 4 शाही स्नान होंगे।

इस बार के कुंभ में क्या रहेगा खास

हरिद्वार में गंगा नदी में, उज्जैन में शिप्रा नदी में, नासिक में गोदावरी और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर कुंभ का आयोजन होता है। हिंदू धर्मग्रंथ के अनुसार इंद्र के बेटे जयंत के घड़े से अमृत की बूंदे भारत में चार जगहों पर गिरी- हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयाग। उज्जैन कुंभ को सिंहस्थ कहते हैं। धार्मिक विश्‍वास के अनुसार कुम्भ में श्रद्धापूर्वक स्‍नान करने वाले लोगों के सभी पाप कट जाते हैं और उन्‍हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  1. हरिद्वार में 2021 में होने जा रहे कुंभ का आयोजन इस बार साढ़े तीन महीने के बजाय केवल 48 दिन का ही होगा।
  2. इस बार कुंभ में कोरोना का भी खौफ रहेगा, इसीलिए इसके लिए विशेष तैयारियां की जाएगी और इस कारण इसकी समायावधी घटा दी गई है।
  3. कोरोना के कारण ऋद्धालुओं के लंबे प्रवास के बजाय, मेले को मुख्य तौर पर स्नान तक सीमित रहेगा। पहली बार कुंभ में सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी होगी। अस्थायी घाटों पर सुरक्षा के लिए डीप वॉटर बेरिकेडिंग होगी। प्रत्येक बेरिकेडिंग चार मीटर के दायरे में होगी। इनमें पानी का स्तर चार फीट से ज्यादा नहीं रहेगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रहकर आसानी से स्नान कर सकें।
  4. कुंभ नगरी हरिद्वार में इस वक्त 1073 पुलिसकर्मी और दो कंपनी पीएसी पहले ही तैनात है। कुंभ में इस बार कुल करीब 15 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी है। कुंभ में एनएसजी सहित पैरामिलिट्री फोर्स की 40 कंपनियां रहेंगी मुस्तैद।
  5. मेले में एक हजार बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए सीएम ने 46 करोड़ की स्वीकृति दी है, जिसमें से 6.18 करोड़ जारी हो गए हैं। अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी 2.93 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 1.17 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। कुंभ मेले में कोरोना की जांच के लिए 3 बड़े कोविड केयर सेंटर भी बनेंगे।
  6. मेला क्षेत्र में इस बार सिर्फ 5 कनेक्टिंग ब्रिज बनेंगे। मेला क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए इस बार तीन जगहों पर सिर्फ पांच अस्थायी लिंक ब्रिज बनाए जाएंगे। पिछले कुंभ मेले में 18 जगह पर 32 पुल बनाए गए थे।
  7. भारतीय रेलवे ने कुंभ को ध्यान में रखते हुए रेल यात्रियों के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. रेल यात्रियों के कुंभ को ध्यान में रखते हुए 35 स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी. वहीं हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला कंट्रोल सिस्टम भी तैयार किया गया है।

 

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