जैसा कि उम्मीद की जा रही थी कि उत्तर प्रदेश की सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में प्रदेश की जनता को चुनावी सौगात दे सकती है। प्रदेश सरकार का बजट उम्मीदों के अनुरूप ही निकला। बजट में योगी सरकार ने आकर्षक घोषणाएं करके किसानों पर डोरे डालने का प्रयास किया है। इसी के साथ किसानों के लिए मुफ्त पानी व सस्ता लोन देने की दोनों योजनाएं अर्थ व्यवस्था के चलते जनता के मुरझाते चेहरों पर बहार लौटाने का काम कर सकती हैं। प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अपना बजट 5.13 लाख करोड़ का तैयार करके पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 38 हजार करोड़ रुपये अधिक का बजट बनाया है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए दो नई योजनाओं का ऐलान करके यह बताने का प्रयास किया है कि प्रदेश सरकार आज भी महिलाओं के हित में काम कर रही है।
बजट के सहारे प्रदेश सरकार ने जहां कृषि कानून को रद कराने के लिए दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन कर रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को मनाने का प्रयास किया है, वहीं उसने युवाओं की शिक्षा, कौशल संवर्धन, रोजगार के साथ-साथ प्रदेश की जनता को मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा है। बजट में 54 लाख लोगों को भरण पोषण भाा देने के साथ-साथ 29.58 करोड़ मानव दिवस मनरेगा में सृजित करने का ऐलान करके अगले वर्ष होने वाले चुनाव के लिए जनता की नब्ज टटोलने का काम किया है। प्रदेश सरकार का ये ऐलान कि प्रतियोगी छात्रों को फ्री कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके तहत अभ्युदय योजना में छात्रों को टैबलेट देने की व्यवस्था की जाएगी। इससे लग रहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं को अपने साथ रखने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है।
इसके अलावा सरकार चाहती है कि किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प पूर्ण करने व आत्मनिर्भर कृषक बनाने के लिए सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएं। सरकारी प्रतिनिधियों का कहना है कि किसानों को मुफ्त पानी देने की सुविधा देने के लिए सरकार सात सौ करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस ऐलान को करने का उद्देश्य है कि जो किसान पंजाब व हरियाणा के किसानों के साथ दिल्ली सरहदों पर लगभग तीन माह से आंदोलन कर रहे हैं उनका सरकार के प्रति झुकाव होजाए तो आने वाले विधानसभा चुनाव में उसे कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस आकर्षक बजट के सहारे जो विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन के समर्थन में सरकार पर हमला बोल रही थी, उनको शांत करने का प्रयास किया गया है।
प्रदेश सरकार के बजट पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा का ये कहना कि पेपरलेस बजट सत्यहीन था, जितना विामंत्री को सुना उसके हिसाब से विकास की कोई योजना बजट में नहीं थी। कांग्रेस के मुताबिक यह केवल हवाई बजट है। उनका ये कहना कि जो सरकार बजट सत्र में आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के लिए सहानुभूति का एक भी शब्द न बोले उससे किसान हित में क्या उम्मीद की जा सकती है? उनके कथन से लग रहा है कि प्रदेश सरकार का ये बजट विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। इसके अलावा बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा का यह कहना कि किसानों को बजट से बड़ी अपेक्षा थी कि अच्छी घोषणा होगी, लेकिन बजट में किसान, महंगाई, आम आदमी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। उनके कथन से लग रहा है कि बजट के सहारे विपक्ष को मौन करने का प्रयास है। सरकार को इस बजट की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रयास करने होंगे ताकि विपक्ष को कुछ कहने का मौका न मिले।