मौत सिर पर मंडरा रही है फिर टीके पर अंध विश्वास क्यों ?

0
222

भारत में कोरोना की दूसरी लहर उतार पर दिखाई दे रही है लेकिन तीसरी लहर की आशंका तो बनी ही हुई है, उसके साथ डेल्टा और डेल्टा प्लस जीवाणु के फैलने का खतरा भी दिखाई पडऩे लगा है। डेल्टा प्लस जीवाणु काफी खतरनाक है। इसने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में दुबारा कोहराम मचा दिया है। भारत के 174 जिलों में यह पाया गया है। अभी दूसरी लहर का असर देश के 75 जिलों में 10 प्रतिशत और 92 जिलों में 5 प्रतिशत तक बना हुआ है। यदि लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो अन्य सैकड़ों जिलों में फैलते हुए इसे देर नहीं लगेगी। भारत के विभिन्न प्रांतों में अभी तक वैसे तो 48 मरीज़ इस नए जीवाणु के पाए गए हैं लेकिन यदि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे सतर्क देशों में यह फैल सकता है तो भारत में तो इसके संक्रमण की गुंजाइश बहुत ज्यादा है।

अमेरिका के ट्रंप-प्रशासन ने शुरु में काफी लापरवाही बरती, जिसके फलस्वरुप छह लाख से ज्यादा अमेरिकियों की जानें चली गईं लेकिन बाइडन-प्रशासन काफी सतर्कता का परिचय दे रहा है। स्वयं राष्ट्रपति बाइडन कई शहरों में जाकर टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करवा रहे हैं। उनकी सरकार अब हर घर तक पहुंचकर टीका लगा रही है। आस्ट्रेलिया ने कई शहरों में दुबारा तालाबंदी की घोषणा कर दी है। रुस में टीकाकरण की रतार इतनी धीमी थी कि पूतिन-प्रशासन ने उसे कई क्षेत्रों के निवासियों के लिए अनिवार्य कर दिया है।सच्चाई तो यह है कि भारत और कुछ इस्लामी देशों की तरह अमेरिका में भी यह अंध-अविश्वास फैला हुआ है कि कोरोना का टीका जो भी लगवाएगा, उसकी जिंदगी का दो साल में अंत हो जाएगा। यह बात इन देशों के कई मित्रों ने मुझे फोन पर बताई तो मैंने उनसे कहा कि ऐसे लोग बड़े भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें तो दो साल मिल रहे हैं और यहां तो पल भर की भी खबर नहीं है।

अपने यहां एक कहावत भी है कि ‘सामान सौ बरस का और पल भर की खबर नहीं।’ यह संतोष की बात है कि भारत में टीकाकरण की रफ्तार आजकल काफी तेज हो गई है और इस साल के अंत तक शायद 100 करोड़ लोगों को टीके लग जाएंगे। अभी तक ठीक से पता नहीं है कि दो टीकावाले लोगों पर ये डेल्टा और डेल्टा प्लस जीवाणु कितना असर करेगा ? इन जीवाणुओं की जांच का शुल्क प्रति व्यति 10,000 रु. प्रति परीक्षण है। यदि यह फैल गया तो भारत जैसे देश के लोगों की हालत या होगी, इसका अंदाज हम लगा सकते हैं। भारत के लोग अपनी घरेलू औषधियों, काढों और प्राणायाम आदि से भी इस नए वायरस का मुकाबला करेंगे, जो अन्य देशों के लिए भी अनुकरणीय है।

डा. वेदप्रताप वैदिक
(लेखक भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं ये उनके निजी विचार हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here