सामुद्रिक शास्त्र मनुष्य के सम्पूर्ण शरीर के अध्ययन की विद्या है। यह विद्या वैदिक काल से ही प्रचलित है। पौराणिक शास्त्र के अनुसार गरुड़ पुराण में सामुद्रिक शास्त्र का वर्णन है। मानव-शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट के आधार पर उसके गुण-कर्म-स्वभाव के अलावा भूत, वर्तमान एवं भविष्य का विचार किया जा सकता है। समुद्रिक शास्त्र के अनुसार यह आप जरूर जान सकते हैं कि आपकी कुल आयु कितनी होगी यानि आप इस संसार में कितने सालो तक जिएंगे। अपनी उंगली की लंबाई से जान सकते हैं आप कितने वर्षों तक जीवित रहेंगे। समुद्रशास्त्र के अनुसार हाथों की लकीरों के अलावा माथे की लकीरों से भी आयु का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
इस शास्त्र के अनुसार माथे की चार लकीरें जो एक ओर से दूसरी ओर कनपटी को छूती हो वह उम्र के लिहाज से उत्तम होती हैं। ऐसा व्यक्ति दीर्घायु होता है। माथे की एक रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाता है। यह रेखा जितनी साफ और स्पष्ट होती है उतनी ही उत्तम मानी जाती है। माथे की लकीरों से आयु जानने के अलावा एक और आसान तरीका यह है कि अपनी उंगली से अपने शरीर को नापें।
भविष्य पुराण के अनुसार अपनी उंगलियों से जो व्यक्ति एक सौ आठ यानी चार हाथ बारह उंगली का होता है वह उम्र के मामले में भाग्याशाली होता है। ऐसा व्यक्ति लंबे समय तक जीता है। जिन व्यक्तियों का शरीर उंगली से नापने पर सौ उंगली होता है। वह मध्यम आयु वाले और मध्यम जीवन जीने वाले होते हैं। वहीं जिन व्यक्तियों का शरीर उंगली से नापने पर नब्बे और इससे कम उंगली का होता आयु के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।