मघा नक्षत्र : 16 अगस्त रात्रि 07:53 से 30 अगस्त शाम 03:55 तक
भगवान सूर्य जब मघा नक्षत्र में रहते हैं तब आकाश से गिरनेवाला वर्षा का जल गंगाजल के समान माना जाता है। पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है : “जब सूर्य की मघा नक्षत्र में उपस्थिति होती है तब होनेवाली बरसात का पानी गंगामय है। मघा नक्षत्र का जल छान-छून के रख लो । रात को २-२ बूँदें आँखों में डालो और सुबह आँखों की खराबी गायब ! वह पानी बच्चों को पिलाओ महीना-दो महीना तो पेट के कृमि गायब ! जैसे गंगाजल में दूसरा कोई गड़बड़ जल भी मिलता है तो गंगाजल उसको ठीक कर देता है वैसे ही मघा नक्षत्र के पानी में यह प्रभाव है।
मघा नक्षत्र के दिनों में बारिश हो रही थी, मैंने आसमान की तरफ देखा और पलकें खोलकर रखीं तो आँखों में वह मघा नक्षत्र का पानी आया। इससे आँखों में भी मेरे को विशेष फायदा हो गया । आँखों में जो चिपचिपापन होता था वह भी कम हो गया। एक दिन ही लगाया तो इतना फायदा हो गया ! मघा का यह पानी पीने से पेट की समस्याओं में बहुत फायदा होता है। अगर आप कोई आयुर्वेदिक दवा ले रहे हैं तो मघा जल के साथ लें, उसके फायदे बहुत बढ़ जायेंगे। यह पानी आपके घर में खाना बनाने के लिए, स्नान के लिए भी बहुत अच्छा है।”