बचाव को सतर्कता की जरूरत

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देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घण्टे में ही साढ़े सात हजार से अधिक मामले प्रकाश में आए है। इनमें से 900 से अधिक मरीजों की हालत गंभीर है। बीते दिन उप्र में कोरोना से 18 लोगों की मौत हो गयी है। 389 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। उप्र में अब तक 301 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है। देश के आंकडो पर नजर डाले तो संक्रमितों की संख्या ढ़ाई लाख से पार जा चुकी है। नए मामले सामने आए हैं। देश में बीते दिन कोरोना संक्रमण से 242 लोगों को जान गंवाना पड़ा है। स्थिति यह दिखाता है कि संक्रमण से बचाव के प्रति लापरवाही हमें किस ओर ले जा रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ब्यान में आशंका जताई है कि 31 जुलाई त संक्रमितो का आंकड़ा 5 लाख तक पहुंच सकता है। केवल दिल्ली में ही अस्सी हजार बैड की जरूरत होगी।

महाराष्ट्र में ही 90 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। मुंबई में भी चिकित्सकीय संसाधनों में कमी का आरोप लग रहा है। हालांकि केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि हमारी स्थित दूसरे देशों के मुकाबले अच्छी है। परंतु उन्होंने अनलॉक 1 में अधिक सतर्क रहने की हिदायत दी है। स्वास्थय मंत्री ने शारिरिक दूरी बनाए रखने व मास्क पहनने की अपील की है। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाण ने भी अनलॉक-1 में अधिक सतर्क रहने की हिदायत दी है। स्वास्थय मंत्री ने शारीरिक दूरी बनाए रखने व मास्क पहनने की अपील की है। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अनलॉक -1 में सावधानी बरतने की अपील की थी। स्थिति व अपील को नजरअंदाज करते हुए लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं। राजधानी के बजारों में संक्रमण रोकने के सारे उपाए की धज्जियां उडाई जा रही है

भीड़ इस कदर बढ़ गई है कि शारीरिक दूरी बनाए रखना मुमकिन नही है दुकानों पर न तो सैनिटाइजर रखा जा रहा है न ही अधिकतर कर्मचारी मास्क पहने रहते है। ग्राहक भी बिना मास्क लगाए खरीददारी करते दिखाई दे रहे है । व्यापारिक संगठनों की भूमिका केवल अपील तक रह गई है। प्रदेश में दर्जनों की तादात में व्यपारिक संगठनों की भूमिका निभाने से अपने पैर खींचने तक सीमित रह गई है उधर पुलिस और प्रसाशन की भूमिका लापरवाही वाली दिखाई दे रही है। सड़कों पर वाहन खड़े होने से सड़कें संकरी हो जा रही हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी चाह कर भी नहीं बनाई जा सकती है। टेंपो व आटो में क्षमता से अधिक सवारी बैठाई जा रही हैं। लोग गुटखा खाकर सड़कों पर थूक रहे हैं। जबकि गुटखा बेचने व बनाने पर प्रतिबंध है। ऐसे में कहां बनता है और कौन बेचता है यह एक प्रश्न है। धार्मिक स्थलों पर भी भीड़ लग रही है। बिना मास्क लगाये लोग धार्मिक स्थलों में जा रहे हैं। सरकारी कार्यालयों के बाहर भी भारी भीड़ जमा हो रही है। कलट्रेट व न्यायालय के परिसर के बाहर भी भीड़ की स्थिति बन रही है।

पुलिस व प्रशासन को नियमों के पालन को लेकर सख्ती बरतनी होगी। स्थिति पर पहले से अधिक ध्यान देना होगा। पुलिस की भूमिका केवल चालान करने तक की ही नहीं होनी चाहिए। व्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा अनलॉक-1 में हमारी भूमिका और भी बढ़ जाती है। हमें स्वयं को नियमों के पालनकर्ता के रूप में प्रस्तुत करना होगा। पुलिस व प्रशासन हमें नियमों के पालन के लिए सलाह व बाध्य कर सकता है परन्तु बचाव के नियमों का पालन हमें स्वयं करना है। थोड़ी सी लापरवाही न सिर्फ हमारी वरन पूरे समाज को नुकसान पहंचा सकती है। कोरोना संक्रमण से बचाव ही उपचार है। अत: हमें संक्रमण से बचाव के उपायों को हर परिस्थिति में अपनाना होगा।

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