20 नवंबर से अप्रैल 2021 तक गुरु-शनि के कारण देश में हो सकते हैं बड़े बदलाव

0
323

देव गुरु बृहस्पति 20 नवंबर को दोपहर करीब 1.30 पर अपनी ही राशि से निकलकर मकर में आ जाएगा। मकर राशि में पहले से ही शनि है। अब 19 नवम्बर से लेकर 6 अप्रैल 2021 तक गुरु और शनि मकर राशि में रहेंगे। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि शनि का अपनी ही राशि में होना और उसके साथ गुरु का होना नीचभंग राजयोग बना रहा है। ग्रहों की ये युति बड़े बदलाव के संकेत दे रही है। इससे पहले इसी साल बृहस्पति 30 मार्च से 30 जून तक मकर राशि में शनि के साथ था और उससे पहले ऐसा 1961 में हुआ था। पं मिश्रा बताते हैं कि अपनी नीच राशि में आ जाने के बाद बृहस्पति अनिष्ट फल तो नहीं देता, लेकिन उसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है। बृहस्पति के राशि बदलने के कारण लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार करने वाले लोगों को स्थान परिवर्तन के साथ सुखद संकेत भी मिल सकते हैं। राजनीति से जुड़े कुछ लोगों को जनता का सहयोग मिल सकता है। बुद्धि और ज्ञान बढ़ेगा। कुछ नया सीखने को मिलेगा। सेहत संबंधी परेशानियां भी कम हो सकती है। बृहस्पति और शनि की युति बनने से न्याय मिलेगा।

जॉब-बिजनेस और अन्य कई मामलों में निष्पक्ष फैसले भी होने के योग बन रहे हैं। इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है। आर्थिक स्थितियों में भी अनचाहे बदलाव हो सकते हैं। विाीय व्यवस्था भी डगमगा सकती है। इससे पहले भी जब गुरु-शनि मकर राशि में 1961 और 1902 में कुछ इसी तरह की स्थितियां बनी थीं। गुरु को धन और आर्थिक स्थिति का कारक ग्रह माना गया है। वहीं, शनि कष्ट, आपदाओं और काल के कारक ग्रह हैं। इस स्थिति में मकर राशि में दोनों का एक साथ होना प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक व्यवस्थाएं डगमगाने के संकेत दे रहा है। पं. मिश्रा का कहना है कि ग्रहों की युति बनने से मिलन के चलते होने वाली घटनाओं के बारे में बताया जा रहा है कि शनि व गुरु का मकर राशि में युति का प्रभाव लंबे समय से जो कानूनी मामले लंबित पड़े थे, उनके फैसले होने की संभावना बनेगी। इससे साा में बदलाव का योग है।

देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा। शिक्षा क्षेत्र में कई तब्दीलियां देखने को मिलेंगी। आईटी क्षेत्र में फिर से उछाल आने लगेगा। सभी जातकों को आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए अपने खर्चों पर काबू पाना होगा। गुरु का गोचर काल मे घन का संचय करने वालो को लाभ है। बृहस्पति को शुभ ग्रह माना जाता है। इसके प्रभाव से तरक्की के मौके मिलते हैं। ये ज्ञान, कर्म, धन, पुत्र और विवाह का भी कारक माना जाता है। इसी ग्रह के प्रभाव से कुछ लोग अध्यात्म में बहुत आगे बढ़ जाते हैं। ये ग्रह ज्ञान देने वाला होता है। माना जाता है कि देव गुरु बृहस्पति आध्यात्मिक ज्ञान और बुद्धि को प्रभावित करता है। जिस इंसान पर बृहस्पति का शुभ प्रभाव होता है उसे किसी चीज की कमी नहीं रहती। ऐसा इंसान यश और सम्मान पाता है। बृहस्पति के कारण देश के उत्तरी हिस्सों में सीमा से जुड़े मामले या महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं। मौसम में ठंडक बढ़ सकती है। 12 राशियों पर असर इस तरह से रहेगा

मेष: धन लाभ होगा। मेहनत का फायदा मिलेगा। भाइयों और दोस्तों से भी मदद मिल सकती है।

वृष: धन हानि के योग बन रहे हैं। कोई गुप्त बात उजागर हो सकती है।

मिथुन : जीवनसाथी से विवाद हो सकता है। सेहत संबंधी परेशानी होगी। कर्क : सेहत में फायदा होगा। दुश्मनों पर जीत मिल सकती है। यात्राएं हो सकती हैं।

सिंह : आर्थिक परेशानी हो सकती है। योजनाएं अधूरी रह सकती हैं। पुत्र की चिंता बढ़ सकती है।

कन्या : सुख में कमी आ सकती है, लेकिन नौकरी और बिजनेस में आगे बढऩे के मौके मिलेंगे।

तुला : प्यार में सफलता मिल सकती है। धार्मिक यात्रा होने के योग हैं। उार दिशा की तीर्थ यात्रा हो सकती है।

वृश्चिक : तरक्की के योग बन रहे हैं। कामकाज पूरे होंगे। धन लाभ होगा ।

धनु : सुखद सूचना मिलेगी। रोजमर्रा के कामों से फायदा हो सकता है।

मकर : सफलता के साथ स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। लेकिन सेहत संबंधी परेशानी रहेगी। यात्रा के योग भी हैं।

कुंभ : पेट व गले में बीमारी हो सकती है। संतान की सेहत को लेकर परेशान रहेंगे। योजनाएं अधूरी रह सकती है।

मीन : किस्मत का साथ मिलेगा। सम्मान भी बढ़ेगा। संपत्ति लाभ के योग बन रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here