~ वैदिक पंचांग ~
गुरुवार के दिन सूर्योदय के समय स्नान करके ध्यान करें और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें. और फिर पीले फूल, चने की दाल और गुड़ का भी भोग लगाएं. इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. ऐसा करने से घर में बरकत आती है और धीरे-धीरे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. दिनांक – 18 जनवरी 2024
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2080
शक संवत -1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर ॠतु
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी रात्रि 08:44 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – अश्विनी 19 जनवरी रात्रि 02:58 तक तत्पश्चात भरणी
योग – सिद्ध दोपहर 02:48 तक तत्पश्चात साध्य
राहुकाल – दोपहर 02:12 से शाम 03:34 तक
सूर्योदय-07:19
सूर्यास्त- 18:18
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण- पंचक (समाप्त:प्रातः 03:33 )
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)