नई दिल्ली। निर्मला सीतारमण के बजट पिटारे से जो निकला है उसमें नए टैक्स स्लैब के साथ एक पेंच भी जुड़ा हुआ है। टैक्स पहले के मुकाबले कम तो किए लेकिन वित्त मंत्री ने बचत पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म कर दिया। इस तरह सरकार ने एक हाथ से लिया तो दूसरे हाथ से ले लिया। विशेषज्ञों के मुताबिक पुराने स्लैब से ही टैक्स अदायगी में फायदा है। विशेषज्ञों के मुताबिक नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को अब 20 फीसदी के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी की दर से ही टैक्स चुकाना होगा। वहीं, जिनकी सालाना आय 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपए तक है, उन्हें सिर्फ 15 फीसदी की दर से ही टैक्स भरना होगा। हालांकि, अगर आप नई दरों से कर अदायगी करते हैं तो आपको टैक्स में मिलने वाली करीब 70 रियायतों को छोडऩा पड़ेगा। पहले बीमा, निवेश, घर का रेंट, मेडिकल, बच्चों की स्कूल फीस जैसी कुल 100 रियायतें दी गई थीं जबकि अब नए टैक्स स्लैब में 70 रियायतों को खत्म कर दिया गया है।
विकल्प भी: नए बजट में करदाताओं को मौजूदा आयकर दर या नए आयकर दरों में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया गया है।अगर आप पुरानी दरों से आयकर भरते हैं तो आप टैक्स बल इनकम में मिलने वाली तमाम रियायतों का फायदा उठा सकते हैं लेकिन अगर आप निर्मला सीतारमण के ऐलान के मुताबिक नई दरों के हिसाब से टैक्स भरेंगे तो फिर आपको इन रियायतों को छोडऩा होगा। अब किसी करदाता के लिए नई कर व्यवस्था या पुरानी कर व्यवस्था में से ज्यादा फायदेमंद क्या होगी,ये उसकी आय और निवेश पर निर्भर करता है। या कहते हैं विश्लेषक : आर्थिक मामलों के जानकार अंशुमान तिवारी कहते हैं, इनकम टैक्स में बड़े बदलाव के बाद टैक्स रियायतों के जरिए बचत प्रोत्साहित करने की नीति खत्म हो जाएगी। इससे बचत में गिरावट बढ़ेगी और बीमा, मेडिक्लेम, छोटी बचत स्कीमों पर भी इसका असर होगा। अगर होम लोन पर टैक्स छूट भी नई स्कीम का हिस्सा होती है तो हाउसिंग भी प्रभावित होगी। छूट रियायत की वापसी के बदले कर रियायत के बाद बीमा, यूलिप, रियल एस्टेट कारोबारों का बुरा हाल होगा।
पुराने टैस के हिसाब से फायदा या नुकसान 5 लाख तक की आमदनी: अगर आपकी आमदनी 5 लाख तक है तो आपके लिए नए और पुराने टैक्स स्लैब से कोई मतलब नहीं है। आपके लिए कुछ भी नहीं बदला है। आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। 7.50 लाख तक की आमदनी इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त रहेगी। 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा। यानि 12,500 रुपये कर लगेगा। 5 लाख से 7.50 लाख की आय पर 10 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगेगा। यानि कुल टैक्स होगा- 12,500+25,000= 37,500 रुपये। पहले कितना टैक्स देना पड़ता था: पुराने स्लैब में पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स है। यानि 7.50 लाख तक कुल टैक्स होगा- 12,500+50,000= 62,500 रुपये। पुराने स्लैब में फायदा ये है कि अगर दो लाख की बचत कर लेते तो 40 हज़ार टैक्स कम हो जाता है। तब आपको कुल टैक्स देना होता- 62,500- 40,000=22,500 रुपये।
नए टैस में कितना नुकसान: नए टैक्स स्लैब में 37,500 रुपये देना ही होगा और बचाव का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन पुराने स्लैब के तहत आप बचत के साथ दे सकते हैं 22,500 रुपये। इस तरह आपकी बचत होगी- 37,500-22,500= 15,000 रुपये। कुल मिलाकर ये नतीजा निकला है कि अगर पुराने सिस्टम से टैक्स भरेंगे तो 7.5 लाख की आमदनी वालों को 15 हज़ार का फायदा होगा। 10 लाख तक की आमदनी 2.5 लाख कोई टैक्स नहीं : 2.5 से पांच लाख तक 5 प्रतिशत। यानि 12,500 रुपये कर लगेगा। 5 लाख से 7.50 लाख की आय पर 10 फीसदी के हिसाब के टैक्स लगेगा। यानि 25,000. 7.50 लाख से 10 लाख पर 15 फीसदी से टैक्स लगेगा। यानि- 37,500 रुपये। कुल टैक्स होगा12,500+25,000+37500= 75,000 रुपये। पहले कितना टैस देना पड़ता था: पुराने स्लैब में पांच से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स है। यानि 10 लाख तक कुल टैक्स होगा- 12,500+100,000= 112,500 रुपये। पुराने स्लैब में फायदा ये है कि अगर दो लाख की बचत कर लेते तो 20 फीसदी के टैक्स के हिबास से 40 हज़ार टैक्स कम हो जाता है।
तब आपको कुल टैक्स देना होता112,500- 40,000=72,500 रुपये। नए टैस में कितना नुकसान: नए टैक्स स्लैब में 75,000 रुपये देना ही होता और बचाव का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन पुराने स्लैब के तहत आप बचत के साथ दे सकते हैं 72,500रुपये। इस तरह आपकी बतच होगी- 75,000 -72,500= 2,500 रुपये। कुल मिलाकर ये नतीजा निकला है कि अगर पुराने सिस्टम से टैक्स भरेंगे तो 10 लाख की आमदनी पर आपको 25,00 का फायदा होगा। 15 लाख तक की आमदनी 2.5 लाख कोई टैस नहीं : 2.5 से पांच लाख तक 5 प्रतिशत। यानि 12,500 रुपये कर लगेगा। 5 लाख से 7.50 लाख की आय पर 10 फीसदी के हिसाब के टैक्स लगेगा। यानि 25,000 रुपये। 7.50 लाख से 10 लाख पर 15 फीसदी से टैक्स लगेगा। यानि- 37,500 रुपये। 10 लाख से 12.5 लाख कर 20 फीसदी के हिसाब से 50,000 रुपये टैक्स और 12.5 लाख से 15 लाख तक 25 फीसदी तक यानि 62,500 रुपये। टैक्स होगा 12,500+25,000+37500+50,000+62,500= 187,500 रुपये। पहले कितना टैस देना पड़ता था: पुराने स्लैब में पांच से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स है।
यानि 10 लाख तक कुल टैक्स होगा- 12,500+100,000= 112,500 रुपये। 10 लाख से 15 लाख तक 30 फीसदी टैक्स- यानि 1.50 लाख टैक्स होगा। 15 लाख तक कुल टैक्स होगा- 112,500+1,50,000=2,62,500 रुपये। पुराने स्लैब में फायदा ये है कि अगर दो लाख की बचत कर लेते तो 30 फीसदी के टैक्स के हिसाब से 90 हज़ार रुपये टैक्स कम हो जाता है। तब आपको कुल टैक्स देना होता- 2,62,500- 90,000=1,72,500 रुपये। नए टैस में कितना नुकसान: नए टैक्स स्लैब में 187,500 रुपये देना ही होता और बचाव का कोई रास्ता नहीं है, लेकिन पुराने स्लैब के तहत आप बचत के साथ दे सकते हैं 1,72,500 रुपये। इस तरह आपकी बचत होगी- 187,500 -1,72,500 = 15,000 रुपये। कुल मिलाकर ये नतीजा निकला है कि अगर पुराने सिस्टम से टैक्स भरेंगे तो 15 लाख की आमदनी पर आपको 15,000 का फायदा होगा।