सूर्य के राशि परिवर्तन से होगा खरमास शुरू

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सूर्य के राशि परिवर्तन से होगा खरमास शुरू
सूर्य के राशि परिवर्तन

सूर्य के राशि परिवर्तन से होगा खरमास शुरू (16 दिसम्बर से 14 जनवरी 2018)
– सूर्यग्रह वृश्चिक से धनु राशि में
– पिता-पुत्र का होगा मिलन, शनि संग आयेंगे सूर्य
– मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, थम जायेगी शहनाई की धुन
– द्वादश राशियों पर भी होगा विशेष प्रभाव
– कर्क, तुला, कुम्भ एवं मीन राशि वाले होंगे विशेष लाभान्वित

भारतीय ज्योतिष में सूर्यग्रह का नवग्रहों में प्रमुख स्थान है। ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि से मीन राशि तक सूर्यग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं, जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है। प्रख्यात् ज्योतिषविद् श्री विमल जैन ने बताया कि सूर्यग्रह वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास प्रारम्भ हो जाएगा। इस अवधि में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास में मांगलिक कृत्य सम्पन्न नहीं होंगे। समस्त मांगलिक कृत्य स्थगित हो जायेंगे। विवाह, गृह प्रवेश, नव प्रतिष्ठान या व्यवसाय, वधू प्रवेश, मुण्डन, नव-निर्माण आदि ये सभी कार्य खरमास की समाप्ति तक प्रतिबन्धित रहेंगे। सूर्यग्रह का राशि परिवर्तन रविवार, 16 दिसम्बर को दिन में 9 बजकर 10 मिनट पर होगा। सूर्यग्रह सोमवार, 14 जनवरी 2019 को रात्रि 7 बजकर 52 मिनट तक धनु राशि के रहेंगे तत्पश्चात् मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनिग्रह धनुराशि में पहले से विराजमान हैं, सूर्यग्रह भी इसी राशि में विराजमान हो जायेंगे। सूर्य-शनि आपस में पिता-पुत्र होते हुए भी इनमें मैत्री संबंध नहीं रहता। सूर्य-शनि आपस में शत्रुग्रह माने गए हैं। ग्रहों के योग के अनुसार विश्व में अकल्पित व अप्रत्याशित अनहोनी घटनाएं देखने की मिलेगी। राजनैतिक उथलपुथल, देश-विदेश के राजनैतिक घटनाक्रम में अचानक तेजी से नये स्वरूप व गतिविधियां बनेंगी। शेयर, वायदा व धातु बाजार में विशेष घटाव-बढ़ी व उतार-चढ़ाव के साथि विशेष हलचल देखने को मिलेगी। जलयान-वायुयान के दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। कई देशों में सत्ता परिवर्तन की भी खींचतान चलेगी। राजनैतिक नेताओं को आरोप-प्रत्यारोप का सामना करना पड़ेगा। मौसम में भी अजीबों-गरीबों परिवर्तन होगा। धार्मिक पक्ष को लेकर एक-दूसरे पर लोग छींटाकशी करेंगे। दैविए आपदाएं भी प्रभावी रहेंगी। आर्थिक व राजनैतिक घोटाले भी शासक-प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे। ज्योतिषविद् श्री विमल जैन ने बताया कि इससे द्वादश राशियां भी प्रभावित होंगी।

मेष – कार्यसिद्धि में असफलता, मानसिक कष्ट, नई समस्याएं उपस्थित, परिश्रम के अनुरूप परिणाम न मिलने से अशांति।
वृषभ – आरोग्य सुख में व्यक्तिक्रम। उलझनें प्रभावी, कर्ज से परेशानी, वाहन से चोट-चपेट दुर्घटना की आशंका, मान-हानि।
मिथुन – आर्थिक पक्ष में असंतोष, विचारों में उग्रता, अध्ययन में व्यक्तिक्रम, प्रियजनों से किसी बात को लेकर चिन्तित।
कर्क – बौद्धिक क्षमता का विकास, आय के नवीन स्त्रोत, किसी मुद्दे की उपस्थित तनाव समाप्त, व्यापारिक वातावरण मनोनुकूल।
सिंह – धनागम में व्यवधान, इच्छा के प्रतिकूल घटनाएं घटित, लाभ का मार्ग अवरुद्ध, यात्रा अकुशल, समस्या से परेशानी।
कन्या – व्यय की अधिकता, आत्मविश्वास में कमी, विरोधी प्रभावी होने की दिशा में प्रयासरत, वाहन से चोट-चपेट संभव।
तुला – धर्म अध्यात्म के प्रति आस्था, दाम्पत्य जवीन सुखद, शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता, निजी इच्छापूर्ति, सुसमाचार से खुशी।
वृश्चिक – आरोग्य सुख में कमी, व्यवहार में लापरवाही हानिकारक, पारिवारिक कठिनाइयां, अकेलेपन की अनुभूति।
धनु – आरोप-प्रत्यारोप का सामना, पारिवारिक सम्बन्धों में कटुता, विरोधियों का वर्चस्व, पठन-पाठन में अरुचि, क्रोध की अधिकता।
मकर – भाग्योदय में बाधा, मित्रों से मन मुटाव, स्पष्टवादिता घातक, आर्थकि हानि की आशंका, व्यय की अधिकता।
कुम्भ – सुसमाचार की प्राप्ति, बहुप्रतीक्षित कार्य बनने से प्रसन्नता, धनागम का सुअवसर, आत्मीयजनों से अपेक्षित सहयोग।
मीन – आरोग्य सुख, शुभ समाचार की प्राप्ति, स्पष्टवादिता आपके लिए हितकर, मनोरंजन में रुचि, जीवन साथी से सहयोग।

विशेष – सूर्यग्रह की प्रसन्नता के लिए अपने आराध्य देवी-देवता की आराधना के साथ सूर्यग्रह की भी अर्चना नियमित रूप से करनी चाहिए। प्रातःकाल स्नान, ध्यान के उपरान्त सूर्य भगवान को ताम्रपात्र में शुद्ध जल, लाल फूल, रोली, चीनी या गुड़ मिलाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। साथ ही सूर्यमन्त्र का जप, श्रीआदित्यह्रदय स्तोत्र, श्रीआदित्यकवच, श्रीसूर्यसहस्त्रनाम आदि का पाठ भी करना चाहिए। रविवार के दिन व्रत या उपवास रखकर मध्याह्र के समय संकल्प देकर सूर्यग्रह से सम्बन्धित लाल रंग की वस्तुएं जैसे- लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, तांबा, लाल फूल, चन्दन आदि विविध वस्तुओं का दान नगद दक्षिणा सहित चरित्रवान कर्मनिष्ठ ब्राह्मण को देना चाहिए। रविवार के दिन 12 बजे से 3 बजे के मध्य बिना नमक का फलाहार करना चाहिए।

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  1. Thanks for the sensible critique. Me and my neighbor were just preparing to do some research about this. We got a grab a book from our local library but I think I learned more clear from this post. I am very glad to see such magnificent info being shared freely out there.

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