व्यतिपात योग 9 जुलाई को जानिए क्यों है अशुभ

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09 जुलाई 2024 मंगलवार को रात्रि 02:27 (10 जुलाई 02:27 AM) से 10 जुलाई रात्रि 03:10 (11 जुलाई 03:10 AM) तक (यानि 10 जुलाई, बुधवार को पुरा दिन) व्यतिपात योग है। व्यतिपात योग भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह योग चंद्रमा और सूर्य के विशेष संयोग के समय बनता है। जब चंद्रमा और सूर्य विपरीत दिशाओं में होते हैं, तब व्यतिपात योग बनता है। इसे अशुभ और नकारात्मक योग माना जाता है, जो विभिन्न प्रकार की कठिनाइयाँ और बाधाएँ ला सकता है।

व्यतिपात योग के प्रभाव:

  1. स्वास्थ्य समस्याएँ: इस योग के समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
  2. मन की अशांति: मानसिक तनाव और अशांति का अनुभव हो सकता है।
  3. वित्तीय हानि: आर्थिक नुकसान या अनावश्यक खर्च होने की संभावना होती है।
  4. विवाद और संघर्ष: व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में विवाद और संघर्ष बढ़ सकते हैं।

इस योग के समय, ज्योतिषी विभिन्न उपाय सुझाते हैं ताकि इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके। इनमें से कुछ उपायों में पूजा, मंत्र जाप, दान, और धार्मिक गतिविधियों में संलग्न होना शामिल है। व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है। वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।

व्यतिपात योग का ज्योतिषीय महत्व और इसके प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और वर्तमान ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लेना महत्वपूर्ण होता है।

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