देशभर में आगामी 16 जनवरी से वैक्सीनेशन का काम शुरू होने वाला है, शासन की ओर से तैयारी भी कर ली गई है। लगभग सभी केंद्रों पर वैक्सीन की डिलीवरी भी हो गई है, जहां रह गई है वहां 15 जनवरी तक पहुंचने की उम्मीद है। भले ही सरकार का सतर्कता के साथ वैक्सीनेशन का काम हो रहा हो लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अफसरों की लापरवाही सरकार के प्रयासों को पलीता लगा रही है। यहां वैसीनेशन के पात्रों की ऐसी सूची तैयार की गई है कि जिसमें लाभार्थी की मौत हो गई है या दूसरी जगह स्थान्नतरित हो गया है। उत्तर प्रदेश के जिला अयोध्या में लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लगभग 15 सौ नाम की सूची बनाई है, ये वे लोग हैं जो स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं इनमें मैटर्न कुसुमलता, की मौत हो चुकी है। यही नहीं नर्स सिस्टर मेवाती चौधरी का नाम भी शामिल है, इनका यहां से स्थान्नतरण हो चुका है। उनका नाम सामने आने पर लापरवाही उजागर हुई। इस तरह की लापरवाही होना स्वाथ्स्य अधिकारियों की सतर्कता पर प्रश्न चिंह लगा रही है। यदि इस तरह की लापरवाही दूसरे केंद्रों पर भी हुई तो सरकार के प्रयास विफल हो सकते है।
हालांकि स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री जयप्रताप सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए है। हालांकि वत से पहले काफी ट्रायल के बाद इस वैक्सीनेशन को कोविड सेंटरों को भेजा गया है। और राज्य सरकार ने इसके लिए नियम बनाकर वैक्सीनेशन कार्य को सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया है। लेकिन आम लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर संश्य बना है क्योंकि मीडिया और सोशल मीडिया में इस तरह की सूचना आ चुकी हैं। जैसे कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कुछ लोगों ने एक स्थानीय चिकित्सालय प्रबंध तंत्र पर आरोप लगाया था कि उनको बुलाकर उनपर बिना सूचना दिए वैक्सीन का ट्रायल किया गया। जब उन्हें टायफायड के बाद पीलिया का संक्रमण हुआ तो किसी ने भी कोई सुध नहीं ली। हालांकि स्थानीय चिकित्सालय प्रबंध तंत्र ने उनके आरोपों का खंडन किया था। लेकिन जिसने भी इस सूचना को देखा होगा तो उसके हृदय में स्वत: ही खौफ पैदा हो गया होगा। सरकार का प्रयास है कि देश से कोरोना का संक्रमण कम हो जाए। इसके लिए पिछले 11 माह से प्रयासरत है, हमारे वैज्ञानिक भी रात-दिन एक कर वैसीन तैयार करके देश का पूरे विश्व में सर बुलंद किया।
बहुत से विकसित देशों में तो अभी तक वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है न जाने अभी और कितना समय लग जाए। तभी तो सुपरपावर सहित कई देशों ने वैक्सीन मंगाने के लिए आर्डर भी देने शुरू कर दिए हैं। हमे धन्यवाद देना चाहिए वैक्सीन बनाने में जुटे वैज्ञानिकों को जिन्हों ने हमें अल्पकाल में ही सरकार के प्रयासों को सार्थक बनाने के लिए देश के नागरिकों का कत्र्वय है कि वह बिना अफवाह पर ध्यान दिए इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दें ताकि देश से इस महामारी का खात्मा हो सके। इस विशेष अभियान में जनसहयोग की जरूरत है वहीं स्वास्थ्य विभाग को भी पूर्ण सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार के साथ सामाजिक संगठनों को एकजुट होते हुए वैक्सीनेशन के लिए देश की जनता को जागरूक करना होगा। लोगों को महामारी की भयावह व वैसीन का महत्व बताते हुए उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करना होगा। सभी संगठन इसको समाज सेवा के रूप में लेकर वैक्सीनेशन के अभियान में योगदान दें।