👉🏻 ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा ।
💥 विशेष – जिन राज्यों में पूर्णिमा को माह का अंत माना जाता है वहाँ यह मंत्र 14 जून 2025 शनिवार को प्रातः 04:17 से रात्रि 11:45 तक 108 बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से “ह्रीं” मंत्र लिख दें । जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा, उसे विद्यालाभ व विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |
💥 विशेष – गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि जहाँ अमावस्या को माह का अंत माना जाता है वहाँ 11 जुलाई 2025 शुक्रवार को प्रातः 05:56 से रात्रि 11:45 बजे तक 108 बार मंत्र जप लें और रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन ‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें ।
👉🏻 (ध्यान दें :- गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि अमावस्यांत मास प्रचलनवाले राज्यों में यह योग 11 जुलाई 2025 शुक्रवार को है ।)