रामायण सिखाती है जीने के तरीके, 5 बातें जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए जरूरी हैं

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रामायण हिन्दुओं का प्रमुख ग्रन्थ है। रामायण बाताती है कि कुछ गुणों को अपनाकर और कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर मर्यादा एवं अनुशासन वाला जीवन जीना चाहिए। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। रामायण एक राजपरिवार और राजवंश की कहानी है जो पति-पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के आपसी रिश्तों के आदर्श पेश करती है।

रामायण से हर इंसान को कुछ न कुछ सीखकर अपने जीवन में अच्छी बातें शामिल करनी चाहिए। इससे जीवन का स्तर बढ़ेगा। वहीं अच्छे गुणों के प्रभाव से हर कामों में सफलता मिलेगी। मासिक तनाव से बचेंगे और परेशानियों से भी दूर रहेंगे।

विविधता में एकता रामायण की बड़ी सीख है। इस महाकाव्य में जब श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने जाते हैं तो उसकी सेना में मनुष्यों से लेकर बंदर और अन्य जानव भी शामिल थे। सभी ने श्रीराम का साथ दिया इसके अलावा राजा दशरथ के चारों बेटों का चरित्र अगल होने के बावजूद उनमें एकजुटता रहती है यह हर परिवार के लिए दुःख के समय से बाहर निकलने की सीख है।

श्रीराम ने सबकुछ जानते हुए भी कैकई को दिया वचन को निभाया। वही सभी भाइयों में प्रेम में लालच, गुस्से या विश्वासघात के लिए जगह ही नहीं थी। लक्ष्मण ने 14 साल तक भाई राम के साथ वनवास किया, वही दूसरे भाई भरत ने राजगद्दी के अवसर को ठुकरा दिया। भाइयों के प्यार की ये सीख हमें लालच और संसारिक सुखों के बजाय रिश्तों को महत्व देने के लिए प्रेरित करती है।

श्रीराम का व्यक्तित्व मर्यादा और अनुशासनपूर्ण था। उन्होंने मर्यादाओं में रहकर अपने जीवन की हर जिम्मेदारी को अच्छे से पूरा किया। उनके जीवन से हमें यही सीखना चाहिए कि मर्यादा और अनुशासन में रहकर हम एक अच्छे इंसान बन सकते है। श्रीराम शांत स्वभाव के थे। उनमें हर इंसान के लिए दया का भाव था। उन्होंने प्रेम और दया के साथ एक पुत्र, पति, भाई और एक राजा की जिम्मेदारियों को भी अच्छे से निभाया। श्रीराम का ये स्वभाव आपसी प्रेम और सम्मान जैसे मानवीय गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इन गुणों को अपनाकर हम खुशहाल और संतुष्ट जीवन जी सकते है। इसी की मदद से हम समाज की बुराइयों पर जीत हासिल कर सकते हैं। भगवान राम का विनम्र आचरण और सभी के प्रति सम्मान का भाव हमको सीख देता है। हमें पद, उम्र, लिंग आदि के भेदभावों के बावजूद सबसे समान व्यवहार करना चाहिए। पशुओं के प्रति प्यार और दया भी हमारे मन में होनी चाहिए।

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