300 करोड़ ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़
नोएडा में पकड़े गए मोदीनगर के गैंग से पूछताछ के आधार पर दिल्ली पुलिस से जो भी इनपुट नोएडा व बिहार पुलिस को मिले उसके आधार पर पुलिस ने एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ करने में कामयाबी हासिल की। गिरोह का आलीशान दफ्तर दिल्ली के जनकपुरी में काम कर रहा था, गिरोह अब तक 300 करोड़ की ठगी कर चुका है। गैंग बिहार के फुलवारी शरीफ का मशरुल हक उर्फ अबशार कादरी चला रहा था। जिसने बिहार, यूपी, उत्तराखंड व अन्य राज्यों में मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराने के नाम पर बिहार के तीन दर्जन से ज्यादा लोगों से इस बार के सत्र में ही 20 करोड़ की रकम उठ ली। कुछ शातिर पकड़े गए हैं जबकि अबशार समते कई फरार हैं। ये गिरोह मोदीनगर के गैंग को कुछ हिस्सा भी देता था। पुलिस अधिकारियों के मुताहिक गिरोह नीट लेने वाली एजेंसी से परीक्षार्थियों का डाटा हासिल करता था। उनके नंबर का पता लगा लेता था।
यह काम अबशार के जिम्मे था। वैसे अभियार्थियों व उनके अभिभावकों को फोन करता था जो ऊंचे पद पर या बड़े कारोबारी हों। कहा जाता था कि आपके बेटे को नीट में इतने नंबर आए हैं। अगर मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराना है, तो 40-50 लाख देने होंगे। टॉप कॉलेज में दाखिले का रेट 80 लाख से एक करोड़ के बीच था। गिरोह ने दिल्ली के जनकपुरी में शानदार ऑफिस खोला था। पटना समेत अन्य शहरों में भी ऑफिस है। नोएडा में ठगी के पैसे के लेन-देन के विवाद में एक सदस्य की हत्या की जांच और हाल ही में पकड़े गए मोदीनगर के गैंग से पूछताछ के बाद इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ। नोएडा के एक्सप्रेस वे थाने के प्रभारी ने बताया कि यह गिरोह दाखिला नहीं कराता था, केवल ठगता था। दाखिले से 10 दिन पहले ऑफिस बंद कर चंपत हो जाता था। अबशार, नीरज व अभिषेक एमबीए है। निखिल इंजीनियर है।
गिरोह के शातिरों के बीच राज्य बंटा था संजीव बिहार देखता था। वो पहले रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगते थे। गिरोह में अबशार के अलावा एसकेपुरी का अभिषेक, न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी पटना का निखिल, मनेर का विकास, जानीपुर का रौशन, औरंगाबाद का नीरज, नालंदा का राजेश कुर्मी उर्फ दबंग व यूपी के आजमगढ़ का धीरेंद्र, गाजियाबाद के संजीव समेत कई सदस्य हैं। नीरज को पुलिस ने मास्टरमाइंड माना है। वह जेल भी जा चुका है। गिरोह के मास्टरमाइंड नीरज के साथ ही निखिल व धीरेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि अबशार, विकास, राजेश कुर्मी व अभिषेक फरार हैं। इनके पास से एक लाख नकद, मेडिकल कॉलेजों की 24 मुहर, नीट परीक्षार्थियों के डाटा बरामद किए गए हैं।