बलराम जयन्ती भगवान बलराम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई और शेषनाग के अवतार माने जाते हैं। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को पड़ता है, जो रक्षाबंधन के दिन भी होता है।
भगवान बलराम को उनके शौर्य, पराक्रम और साधुता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कौरव और पांडव दोनों को युद्ध और राजनीति का ज्ञान दिया था और महाभारत में एक निष्पक्ष भूमिका निभाई। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना करते हैं और भगवान बलराम की महिमा का गुणगान करते हैं।
बलराम जयन्ती मुख्यतः उत्तर भारत में विशेष धूमधाम से मनाई जाती है, विशेषकर मथुरा, वृंदावन और अन्य पवित्र स्थलों पर। इस दिन भगवान बलराम की मूर्तियों को सजाया जाता है और शोभायात्राएँ निकाली जाती हैं।