फ्लाइट रोकना सकारात्मक कदम

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कोरोना वायरस कम होने का नाम नहीं ले रहा है, अब खबर ब्रिटेन से आई है जहां एक बार फिर कोरोना वायरस सिर उभारने लगा है। इस वायरस को वैज्ञानिकों ने वीयूआई 202012-01 का नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वायरस 2019 के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक घातक व संक्रामक होगा। इसी चलते सऊदी अरब व भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों को 31 दिसंबर तक रोक दिया है। निश्चित रूप से भारत सरकार का यह सकारात्मक और जागरुकतापूर्ण कदम है। इस निर्णय से देशवासियों को कोरोना वायरस के प्रभाव से बचाया जा सकेगा। सोमवार की रात्रि 12 बजे तक आने वाली लाइटों से आने वाले लोगों का एयरपोर्ट पर ही कोरोना टेस्ट किया जाएगा। विदेशी को वहीं से वापस भेजने की व्यवस्था होगी जबकि भारतीय संदिग्ध व्यति को वारनटाइन किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन का यह कहना भारतीयों ढांढस बांधने वाला है कि ब्रिटेन में मिले इस कोरोना वायरस से हिंदुस्तानियों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत सरकार इसको लेकर पहले सजग है।

उसने ब्रिटेन से आने वाली लाइटों पर लगभग एक हते तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी से देश के अंदर वैसीनेशन का कार्य शुरू हो जाएगा। इसका अर्थ यह हुआ कि देश से कोरोना वायरस को खत्म करने का कार्य शुरू होने वाला है। ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस को लेकर भारत सरकार पहले से अलर्ट दिखाई दी और सुरक्षा के लिए उसने ब्रिटेन की लाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया है, यदि इस वर्ष के जनवरी माह में भी सजग होती और चीन व अन्य देशों से आने वाली लाइटों पर प्रतिबंध लगा देती तो देश को इतनी बड़ी जन-धन की हानि नहीं होती। खैर देर से आयद-दुरस्त आयद की कहावत चरित्रार्थ करते हुए भारत सरकार ने इस बार पहले अपनी सजगता दिखा दी है। यह भी हमारी जागरूकता का प्रतीक है कि वायरस के बदले हुए रूप की दहशत के बीच दिल्ली में सोमवार को सोशल मीडिया कम्युनिटी टीम ने सर्वे में सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं सहित 50 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका समेत कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से आन-जाने वाली लाइट्स तुरंत बंद करने की मांग उठाई। देश की जनता जानती है कि जो दंश उन्होंने पिछले दस महीने में झेला है, वह सरकार द्वारा इस वायरस को हल्के में लेने का सबब था।

इन दस महीनों में लोगों ने जहां अपनों को खोया वहीं उनके रोजगार प्रभावित हुए। नौकरियां तक चली गई। यातायात व शिक्षा प्रणाली तक प्रभावित हो गई। सरकार पर गरीबों को राशन देने के लिए अतिरित भार भी पड़ा। लोगों ने परिवार चलाने के लिए वे काम तक किए जो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचे थे। बहरहाल भारत सरकार व देश की जनता की जागरूकता ही इस महामारी से हमें निजात दिला सकती है। देश में जब वैसीनेशन का कार्य शुरू होगा तो उसमें भी हमें अपनी जागरूकता का प्रमाण देना होगा। यदि हमें इस महामारी की श्रृंखला तोडऩी है तो इसके लिए हमारी सजगता जरूरी है। हम आने वाले दो साल तक यह सोचकर रहें कि जिससे हम मिल रहे हैं वह कोरोना वायरस से संक्रमित है अर्थात हमें वही नियम अपनाने होंगे जो पिछले दस माह से अपना रहे हैं। जिन लोगों को वैसीन की डोज दी जाएगी, वह भी कोविड-19 के नियमों का पालन कम से कम दो वर्षों तक करें तो इस महामारी से हमें निजात मिल सकती है। जो इस महामारी को हल्के में ले रहे हैं वह खुद व दूसरों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।

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