जालिदास बोला रावण भैया! मास्क लगा लीजिए बड़ा पुण्य होगा। रावण बोला, बेटा में तुम्हें जानता नहीं। अपना परिचय दीजिए। मैं तो अवश्य मास्क लगा लुंगा लकिन उन लोगों का या करोगे जिनके मुंह पर अंधविश्वास, अशिक्षा और मूखता का मास्क लगा हुआ है। जो तोपो-टैंकों की खेती करते हैं, उनका या होगा? जरा हिम्मत हो तो तालिबानियों के मुंह पर मास्क लगाकर दिखाओ जालिदास ने कहा कि मैं समय हूं। कृपा करके मास्क लगा लीजिए। अपनी रावण पंथी मत दिखाओ। रावण बोला-तुम समय कैसे हो सकते हो? समय तो सिर्फ दो हैं भूत और भविष्य। और वर्तमान तालिबान युग में फंसा हुआ है। इससे बेहतरऔर कोई समय नहीं है। सारे भूत और भविष्य वर्तमान में समाए हैं। गली-गांव में लेकर देश-दुनिया तक तालिबान पसरा पड़ा है। लालाराम हलवाई ने सड़क पर अपना वालिबानी प्रदर्शन करते हुए अपनी कोरिया सड़क के बीचो-बीच पनाह दी है। कस्तूरी मलसाड़ी वाली ने अपनी साडिय़ां सड़क पर फैला द है।
नगर निगम के बाबू सत्य किशोर पेशावर के सभी चौराहों पर अपना तालिबानी अतिक्रमण फैला रखा है। घरों-घरों में तालिबान पसरा पड़ा है। सत्य तो वही हुजूर कवि देव! तुम इनमें से कौन से सत्य हो? बताओ तो जरा। जालिदास बोले- मैं लोकतंत्र हूं कृपया मास्क लगा लीजिए। रावण बोला तुम लोकतंत्र कैसे हो सकते हो? संसार में दो ही लोकतंत्र हैं। पहला तालिबानी और दूसरा चाइनीज इन्हें कहीं भी अपनी साा का झंडा फहराने में समय नहीं लगता। सदियों से बल-बंदूक और झूंट व प्रपंज द्वारा दुनिया भर में तालिबानी और चाइनीज छा रहे हैं। ये लोगों के मन नहीं भारत में फिर भी देश दुनिया का माथा खा रहे हैं। सही-सही बताओ तुम हो कौना रावण ने दसों मुंह से ठहाका लगाकर कहा। तब जालियस बोले. भैया रावण जी! मैं न्यूज चैनल हूं और सच्चाई बताता हूं। रावण ने अपने मुंह पर कसकर मास्क बांधो हुए कहा रहने दो, चैनल सर न्यूज चैनल तो केवल दो ही है। एक ट्विटर और दूसरा फेसबुक बाकी सब दुकानें है और ये अपने-अपने मतलब की खबरें दिखाते हैं।