नीयत साफ रखें भगवान खुद ही आपके पास आ जाएंगे

0
504
श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण

यदि आपकी दृस्टि बाहर है तो दृश्य और उसकी दूरी की एक सीमा होगी। तब बहुत अधिक दूर और स्पष्ट नहीं देख पाएंगे। लेकिन, आंखें बंद कर अंतिरिम तक मोड दिया तो बहुत दूर तक और बहुत साफ देख पाएंगे। लंबे लॉकडाउन के बाद जब धीरे-धीरे धर्मस्थल खुल रहे हैं, कुछ धार्मिक लोगों में एक नई बेचैनी शुरू हो गई – हम मंदिर कब जा पाएंगे। जो देवस्थानों में जा रहे हैं उनकों देखकर नियम कायदों का हिसाब लगाने लगे हैं अरे… दूसरे क्या कर रहे हैं, उनका नसीब। आप अपने भाग्य को सौभाग्य में बदलने का प्रयास कीजिए धैर्य रखिए और भीड़ से बचने का प्रयास कीजिए।

कृष्ण ने किसी से पूछा – आप द्वारिका से हस्तिनापुर बार-बार क्यों आते जाते हैं तब उन्होंने कहा था — भक्तों के लिए। आज इसी बात को ध्यान में रखना है यदि किसी देवस्थान तक नही जा पाएं तो कमर सीधी आंखें बंदकर अपनी दृष्टि भीतर उतारिए। भगवान खुद ही आपके पास आ जाएंगे। ईश्वर के साथ सबसे बड़ी सुविधा ही यह है कि वह भक्त के हिसाब से चलने को तैयार है, बशर्त तरीका सही होना चाहिए। वैसे भी अधिकांश लोग मंदिर जाते हैं तो सही मायने में वो वहां होते नहीं हैं उनका शरीर, उनकी मांगने की वृत्ति वहां मौजूद होती है। किसी स्वार्थ या भय के कारण लोग मंदिर की दहलीज पर माथा टेकते हैं। भीड़ का हिस्सा बनने से तो अच्छा है योग करें, नीयत साफ रखें, अपनी आत्मा को पहचानें। परमात्मा स्वयं चलकर आप तक आ जाएंगे…।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here