मंगल ग्रह मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा में भ्रमण करते हुए चंद्रमा के नजदीक जीरो डिग्री पर पहुंच गया। मंगल की चंद्रमा के साथ इस नजदीकी के कारण पृथ्वी पर मौसम में उमस और गर्मी बढ़ सकती है। इसके साथ ही 28 जनवरी तक तीन और खगोलीय घटनाएं और होंगी। 23 जनवरी को बृहस्पति, 24 को शनि और 28 जनवरी को शुक्र चंद्रमा के नजदीक जीरो डिग्री पर आ जाएंगे। हर ग्रह 6 से 7 घंटे तक इस स्थिति में रहेगा। तीनों ग्रह टेलिस्कोप की मदद से देखे जा सकेंगे। जीवाजी वेधशाला उज्जैन के ऑब्जर्वर भरत तिवारी बताते हैं कि खगोलीय भाषा में इसे कंजेक्शन या युति कहा जाता है। चंद्रमा के नजदीक जीरो डिग्री पर ग्रहों का आना सामान्य है, लेकिन एक सप्ताह में एक-एक करके चार ग्रहों की ऐसी स्थिति बनना दुर्लभ संयोग कहा जा सकता है। ग्रहों की इन स्थितियों के प्रभाव से मौसमी बदलाव देखने को मिलेंगे।
कब कौन सा ग्रह होगा चंद्रमा के पास
20 जनवरी की रात 12.44 पर चंद्रमा के पास मंगल 0 डिग्री पर आ गया था। दक्षिण दिशा में इस स्थिति को देखा गया। 23 जनवरी को दोपहर 2.45 पर बृहस्पति चंद्रमा के करीब होगा। इसे पश्चिम दिशा में देखा जा सकेगा। 24 जनवरी को चंद्रमा के पास शनि के आ जाने से पृथ्वी, चंद्रमा और शनि तीनों एक लाइन में रहेंगे। ये स्थिति दोपहर 2.08 पर बनेगी। शनि को पश्चिम दिशा में चंद्रमा के पास देखा पाएंगे। 28 जनवरी को शाम 7.28 पर शुक्र, चंद्रमा के पास आ जाएगा। इसे उत्तर दिशा में चंद्रमा के पास देख सकेंगे।
पृथ्वी से जीरो डिग्री पर यानी बिल्कुल नजदीक
जीरो डिग्री के बारे में तिवारी बताते हैं कि उदाहरण के लिए जब चंद्रमा के नजदीक से बृहस्पति गुजरेगा तो वह दोपहर 2:45 बजे पर पश्चिम दिशा में जीरो डिग्री पर दिखाई देगा। यानी बिल्कुल सीधे देखने पर नजर आएगा। यहां जीरो डिग्री का मतलब है बिल्कुल नजदीक। ऐसी ही स्थिति शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दोपहर 2:08 बजे शनि और 28 जनवरी को उत्तर दिशा में शाम 7:28 बजे शुक्र के साथ बनेगी।
मौसम में होंगे अचानक बदलाव
भरत तिवारी के अनुसार इन भौगोलिक घटनाओं के कारण मौसम में अचानक बदलाव आएगा। दिन में मौसम में गर्माहट बढ़ेगी। रात में ठंड ज्यादा रहेगी। देश के कुछ हिस्सों में अचानक बारिश होने की भी संभावना है। कोहरा भी बढ़ सकता है। कुछ देशों में कोई प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है। देश की सीमाओं पर भी भौगोलिक और प्राकृतिक बदलाव होने की संभावना है।
इस बार शुक्लपक्ष 15 नहीं 16 दिनों का
काशी विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य पं गणेश मिश्रा के अनुसार अमावस्या के बाद शुरू होने वाला माघ माह का शुक्ल पक्ष इस बार 15 नहीं 16 दिनों का रहेगा। इस पक्ष में तृतीया तिथि के बढ़ जाने से ऐसी स्थिति बनेगी। ज्योतिष ग्रंथों में शुक्लपक्ष के दिनों का बढना शुभ माना गया है। ये स्थिति देश में सुख, धन और संपदा बढऩे का संकेत देती है।
बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे
काशी के ज्योतिषाचार्य पं गणेश मिश्रा के अनुसार चंद्रमा ढाई दिन में एक राशि बदलकर दूसरी में प्रवेश करता है। इन दिनों में चंद्रमा वृश्चिक से कुंभ तक जाएगा। इससे इन राशियों में स्थित ग्रहों के साथ चंद्रमा की युति बनेगी। इससे अचानक मौसमी बदलाव होने की संभावना है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार इन दिनों में चंद्रमा मंगल के साथ महालक्ष्मी योग, बृहस्पति के साथ गजकेसरी योग और शनि के साथ विषयोग बनाएगा। इन 2 शुभ और 1 अशुभ ग्रह के प्रभाव से देश में आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे। देश की सीमाओं से जुड़े बड़े फैसले भी हो सकते हैं। राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्णकुमार भार्गव के अनुसार इन दिनों में शनि के राशि परिवर्तन से सूर्य और शनि एक राशि में आ जाएंगे। वहीं, चंद्रमा धनु राशि में चतुर्ग्रही योग बनाएगा। इससे देश में बदलाव की स्थितियां बन सकती हैं। वहीं राहु-केतु और शनि के कारण सीमाओं पर तनाव बढ़ सकता है।