दिल्ली और सीएसटी पर भी अदानी की नजर

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गौतम अदानी की कंपनी ने मुंबई हवाईअड्डे के परिचालन का अधिकार हासिल कर लिया है। नवी मुंबई में बनने वाले दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का परिचालन भी उसके पास ही रहेगा और देश के दूसरे छह हवाईअड्डों के परिचालन का अधिकार भी उसको मिल गया है। अब उसकी नजर देश के दो सबसे व्यस्त और ऐतिहासिक रेलवे स्टेशनों पर है। सरकार अगले कुछ दिन में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस यानी मुंबई का पुराना वीटी स्टेशन निजी कंपनियों को देने जा रही है। वैसे सरकार ने पहले अनेक स्टेशननिजी इन दो स्टेशनों के परिचालन का अधिकार हासिल करने के लिए जो कंपनियां रेस में हैं उनमें अदानी समूह भी है और टाटा समूह भी है। टाटा समूह को पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी में नई संसद बनाने का काम भी मिला है। बहरहाल, इन दोनों स्टेशनों के विकास और पुनर्निर्माण का प्रोजेक्ट बहुत बड़ा है। हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत स्टेशनों पर नई बुनियादी सुविधाओं का विकास होना है, मॉल्स और शॉपिंग कांप्लेक्स बनने हैं, रिहाइशी इमारतें भी बननी हैं।

यह सब करने के बाद कंपनियों को स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों से मनमाना शुल्क वसूलने का अधिकार भी होगा। पुनर्निर्माण के नाम पर रेलवे की हजारों एकड़ जमीनें अलग निजी कंपनियों को दी जा रही हैं। एक तरफ भारतीय रेलवे का संचालन धीरे-धीरे निजी हाथों में जा रहा है। पर उससे पहले ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार रेल यात्रियों की जेब पर बड़ा बोझ डाल कर और रेलवे की कमाई का नया रास्ता निकाल कर ही निजी कंपनियों को इसे सौंपेगी। खबर है कि सरकार रेल यात्रियों की जेब पर और बोझ डालने की तैयारी कर रही है। एक प्रस्ताव के मुताबिक अब ट्रेन यात्रियों पर यूजर फीस लगाने की तैयारी है। साधारण डबे से लेकर वातानुकूलित कोच में चलने वाले यात्रियों के लिए 35 रुपये तक का यूजर चार्ज तय किया गया है।

इसके अलावा प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत के ऊपर दस रुपए का विजिटर्स चार्ज अलग से लेने की तैयारी है और ट्रेन से चढऩे-उतरने वाले यात्रियों से भी एक शुल्क लिया जाना है। भारतीय रेलवे के 50 स्टेशनों का कायाकल्प करने की तैयारी है और उस सिलसिले में कहा गया था कि जिन स्टेशनों को निजी हाथ में दिया गया है और उन्होंने जिन स्टेशनों पर कुछ बदलाव किया है वहां इस तरह के शुल्क लिए जाएंगे पर अब ऐसा लग रहा है कि अब हर स्टेशन पर इस किस्म का शुल्क वसूलने की तैयारी है। सोचें, अकेले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हर दिन पांच लाख लोग ट्रेन पर चढ़ते-उतरते हैं। अगर 50 रुपए प्रति व्यक्ति की वसूली भी होती है तो हर दिन ढाई करोड़ रुपए की वसूली होगी। आने वाले दिनों में अंतत: यह वसूली किसी निजी कारोबारी की जेब में जाएगी योंकि नई दिल्ली सहित अनेक स्टेशन निजी कंपनियों को दिए जाने वाले हैं।

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