डॉगरलैंड का पुरातत्व

0
176

उत्तरी यूरोप में तेल और गैस की खोज पर्यावरण के लिए जितनी खतरनाक है पुरातत्व के लिए यह उतनी ही फायदेमंद साबित हो रही है। ब्रिटेन के उत्तरी इलाकों के पूरब और हॉलैंड-डेनमार्क के पश्चिम में फैला विशाल समुद्र अभी यूरोप में खेती शुरू होने से ठीक पहले के इंसानों और मानवजाति के पहले से यूरोप में मौजूद लगभग इंसानी जीवों निएंडर्थल्स के बनाए औजारों की तलाश का सबसे बड़ा ठिकाना बन गया है। हालांकि इस समुद्र में मछुआरों के हाथ ऐसी चीजें लगने की शुरुआत काफी पहले हो चुकी थी। 1931 में एक मछलीमार जहाज के जाल में तट से 40 मील दूर कोयले का एक अजीब लंबोतरा सा टुकड़ा फंस गया। इस टुकड़े को तोडऩे पर उसमें बारहसिंघे का एक 22 सेंटीमीटर पौन फुट लंबा सींग मिला, जिसे घिसकर भाले की तरह नुकीला बनाया गया था।

कार्बन डेटिंग से सींग वाले जानवर का समय दो से आठ हजार ईसा पूर्व का निकाला गया। शिकारी इसका इस्तेमाल मछली मारने में करते रहे होंगे, ऐसा अनुमान लगाया गया। फिर तो यहां विलुप्त मैमथ की सींग सहित खोपड़ी, निएंडर्थल इलाकों में पाया जाने वाला एक पत्थर का हथौड़ा और न जाने क्या-क्या मिलता गया। लेकिन ये सारी चीजें समुद्र में कैसे? भूगर्भशास्त्री इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आठ हजार साल पहले तक ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप आपस में जुड़े थे और यह उथला समुद्र तब हर तरह के शिकार के लिए मुफीद एक छिछली-दलदली जगह हुआ करता था। समुद्री डूब के शिकार इस इलाके को कोई 25 साल पहले डॉगरलैंड नाम दिया गया और फिलहाल यहां विंड फार्मिंग की हलचलें जारी हैं।

चंद्रभूषण
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here