गीता सार

0
272

आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो। अनुशासित रहो, उठो। तब जाकर तुम्हें सफलता मिलेगी। जो व्यक्ति इसका अनुसरण नहीं करता वह सदैव विफल रहता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here