अब कांग्रेस के ही नेता यह कहने लगे हैं कि पंजाब कांग्रेस में आखिर ये या हो रहा है?पंजाब में अगले साल फरवरी मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं योंकि 2017 की पंजाब विधानसभा की अवधि 27 मार्च 2022 को खत्म हो रही है। यही वजह है कि पंजाब में सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी तैयारी में लगे हुए हैं। अकाली दल ने तो 6 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है तो आम आदमी पार्टी ने ये साफ कर दिया है कि वो पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी दल से कोई गठबंधन नहीं करेगी। अब बची कांग्रेस जहां पर या हो रहा है किसी को कोई पता नहीं। अब भी बयानबाजी का दौर जारी है, एक दूसरे को नीचा दिखाने की लगातार कोशिशें हो रही हैं और आलाकमान को समझ में नहीं आ रहा है कि या करें?
पंजाब के प्रभारी लगातार चंडीगढ़ का दौरा कर रहे हैं। नेताओं से बड़ा दिल रखने की बात कर रहे हैं मगर उनकी पंजाब में सुन कौन रहा है?इसके बजाए सिद्धू ईंट से ईंट बजाने की बात कर रहे हैं और उनके कैंप के परगट सिंह कह रहे हैं कि यह हरीश रावत के लिए दिया गया बयान है। पहले तो नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों ने कुछ ऐसे बयान दिए जो कांग्रेस नेताओं और खासकर गांधी परिवार को नागवार गुजरे फिर सिद्धू के सलाहकारों को हटाया गया। मगर पंजाब कांग्रेस में कलह जारी है। कांग्रेस में बुधवार के दिन प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ में रहे। उनकी मुलाकात सिद्धू व कैप्टन अमरिंदर सिंह से हो चुकी है। पता नहीं ये कितनीवीं मुलाकात होगी इन सब की हाल के दिनों में मगर फिर भी आप नहीं कह सकते हैं कि संकट खत्म हो चुका है।
सिद्धू कह रहे हैं कि उन्हें फ्री हैंड नहीं दिया जा रहा है। पहले जो विधायक सिद्धू के साथ यह सोच कर गए थे कि सिद्धू पर प्रियंका राहुल का हाथ है अब पीछे हटने लगे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सिद्धू टीम मैन नहीं हैं। जब क्रिकेट खेलते थे तब भी यही हालत थी। अब सिद्धू के सर्मथक विधायकों को भी लगता है कि कैप्टन ही नेता हैं और वो कैप्टन की तरफ लौटने लगे हैं। अब ऐसे वत में लगता है कि कांग्रेस आलाकमान को जल्द की कोई ठोस कदम उठाना पडेगा वरना एक ऐसा राज्य जिसे लोग कांग्रेस की झोली में मान रहे हैं, कहीं हाथ से निकल ना जाए। इसलिए अब कांग्रेस के ही नेता यह कहने लगे हैं कि पंजाब कांग्रेस में आखिर ये क्या हो रहा है?
मनोरंजन भारती
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ये उनके निजी विचार हैं)