दिहाड़ी मजदूरों को यूपी सरकार बांटेगी 1250 करोड़ रुपए

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कोरोना संक्रमण के भय से काम व धंधे बंद होने के कारण परेशान हो रहे मजदूरों की चिंता में योगी सरकार दिन.रात लगी हुई। इस बीच वित्तमंत्री की अध्यक्षता में चली दो दिन की बैठक में अंतिम निर्णय ले लिया गया है। अब फाइल मुख्यमंत्री के पास पहुंची है। इस पर शुक्रवार शाम को अंतिम मुहर लग सकती है। सरकार प्रदेश में लगभग सवा करोड़ दिहाड़ी मजदूरों को 1000.1000 रुपये देने जा रही है। इस हिसाब से उनके मजदूरी की भरपाई के लिए सरकार 1250 करोड़ रुपये खर्च करेगी। दिहाड़ी मजदूरों की समस्या कम करने की निर्णय के बाद पहली ही बैठक में श्रम विभाग से इसके निर्धारण के लिए सलाह मांगी गयी थी। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह रही कि श्रम विभाग में रजिस्टर्ड मजदूरों के लिए तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन दूसरे भी बहुत मजदूर रजिस्टर्ड नहीं हैं। उनका निर्धारण कैसे किया जाय। दो दिन श्रम विभाग ने किया रेंडम सर्वे इसके लिए श्रम विभाग के अधिकारियों से रेंडम आंकड़ा निकालने के लिए आदेश दिया गया।

दो दिन के सर्वे के बाद गुरुवार को श्रम विभाग ने रेंडम आंकड़ा सवा करोड़ मजदूरों का दिया। इसके बाद इसके लिए हुई बैठक में एक.एक हजार रूपये देने की व्यवस्था पर निर्णय लिया गया। यह पैसा मजदूरों के खाते में ही डाला जाएगा। जिन मजदूरों का अभी किसी कारण से खाता नहीं खुल पाया है। प्रशासन उनका खाता खोलवाएगा। 21 लाख से ज्यादा हैं पंजीकृत मजदूर कमेटी द्वारा दिये गये आंकड़े में 21 लाख से ज्यादा श्रम विभाग के पंजीकृत मजदूर हैं। साथ ही नगर विकास विभाग के 16 लाख दिहाड़ी सफाई कर्मचारीए 58 हजार ग्राम सभाओं के करीब 11 लाख मजदूरों को शामिल करने पर विचार किया। इसके साथ ही रिक्शा चालको, निर्माण श्रमिकों, रेहड़ी-खोमचे वालों, पल्लेदारों, रेलवे कुली, मॉल आदि में काम करने वाले मजदूरों को शामिल करने पर भी विचार किया गया। इनका श्रम विभाग ने रेंडम गणना भी कर ली है। मुख्यमंत्री ने दिए थे निर्देश, गठित हुई थी कमेटी कोरोना वायरस के मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गठित मंत्रियों की कमेटी ने बुधवार को भी दो चरणों में बैठक की थी।

वित्ता मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य हैं। कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए मंगलवार को योगी सरकार ने कुछ अहम निर्णय किए थे। जनता को भीड़भाड़ से बचने की सलाह देते हुए तय किया था कि इन हालात में गरीब.मजदूरों को भरण.पोषण का खर्च सरकार ही उपलब्ध कराएगी। साथ ही सरकारी कर्मियों को भी सरकार वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की सुविधा देने जा रही है। मुख्य सचिव को इसकी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद करते हुए दो अप्रैल तक सभी परीक्षाएं ( सीबीएसई और आइसीएसई) छोड़कर भी स्थगित कर दी हैं। इस अवधि में जनता दर्शन, समाधान दिवस, तहसील दिवस और धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।

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