गीता सार

0
361

अभिमान को आने मत दो
और स्वाभिमान को जाने
मत दो अभिमान तुम्हें उठने
नहीं देगा, और स्वाभिमान
कभी गिरने नहीं देगा ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here