गीता की सार

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जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, जो होगा वह भी अच्छा ही होगा, तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिंता न करो वर्तमान चल रहा है।

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