सार गीता का सार By admin - October 19, 2020 0 338 Share Facebook Twitter Google+ Pinterest WhatsApp क्रोध में सम्मोहन और अविवेक उत्पन्न होता है, सम्मोहन से मन भृष्ट हो जाता है। मन नष्ट होने पर बुध्दि का नाश होता है और बुध्द का नाश होने से मनुष्य का पतन होता है। क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो किससे डरते हो, कौन तुम्हें मार सकता है।