विष्णुपदी – वृश्चिक संक्रांति का महत्व

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वृश्चिक संक्रांति को विष्णुपदी संक्रांति भी कहा जाता है. यह एक शुभ दिन माना जाता है. इस दिन सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है. इस दिन भक्त सूर्य की पूजा करते हैं, नदी में डुबकी लगाते हैं और दान करते हैं

वृश्चिक संक्रांति से जुड़ी खास बातें:

  • वैदिक पंचांग के मुताबिक, साल 2024 में वृश्चिक संक्रांति 16 नवंबर को है. 
  • इस दिन सूर्य देव सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. 
  • संक्रांति के दिन स्नान-ध्यान और दान-पुण्य किया जाता है. 
  • धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. 
  • ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है. 
  • सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं. 
  • हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल 12 संक्रांति मनाई जाती हैं. 
  • मकर संक्रांति को सभी संक्रांतियों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है

जप तिथि : 16 नवम्बर 2024 शनिवार को (विष्णुपदी संक्रांति)
पुण्यकाल सूर्योदय से सुबह 07:41 तक |
🙏🏻 विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण, सृष्टि खंड)

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