मेरठ। क्रांतिधरा एक नया इतिहास रचने जा रही है। इतिहास रचेगी मेरठ स्थित रिमाउंट एंड वेटनरी कोर यानी आर वी सी। देश में पहली बार किसी वॅार मेमोरियल में देश के लिए जान गवाने वाले जानवरों के नाम आरवीसी में दर्ज होंगे यह स्मारक सेंट्रल एंड कॅालेज में तैयार हो रहा है। जहां 300 डॅाग्स, उनके 350 हैन्डलर कुछ घोडों और कुछ खच्चरों के नाम लिखें जाएगें।
स्मारक के लिए जमीन और प्रारंभिक डिजाइन पहले ही तय हो चुका है। यह मेमोरियल उन जानवरों की याद दिलाएगा, जिन्होंने कश्मीर और अन्य जगहों पर आतंकियों के खिलाफ चलाए ऑपरेशन और कारगिल युद्ध के दौरान जान गंवा दी थी। प्राह्रश्वत जानकारी के मुताबिक, मेमोरियल पर जानवर का नाम, सर्विस नंबर सहित सभी तरह की जानकारी उपलब्ध होगी। अधिकारियों ने दावा किया कि दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल जैसा ही मेरठ के रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर (आरवीसी) केंद्र और कॉलेज में यह स्मारक तैयार होगा। यहां सेना के जानवरों के लिए प्रजनन, पालन और प्रशिक्षण दिया जाता है। 5 डॉग्स सम्मानित: आर्मी डॉग यूनिट के अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर और पूर्वोत्तर में हुए आतंकवाद रोधी ऑपरेशन में 25 से अधिक डॉग्स जान गंवा चुके हैं। सेना में अभी 1000 डॉग्स, 5000 खच्चर और 1500 के करीब घोड़े सेवारत हैं। आर्मी दिवस 2020 के मौक पर 5 लैब्राडोर को कमांडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया था। टॉप पर मानसी का नाम: कश्मीर के आतंकवाद रोधी अभियानों में विशेष भूमिका निभाने वाली मानसी (एक लैब्राडोर प्रजाति की मादा डॉग) को 2016 में सेना के सम्मान से सम्मानित किया गया था। उसका नाम जानवरों की सूची में सबसे ऊपर है। मान्सी के हैंडलर बशीर अहमद को भी जगह मिली है।