सांच को आंच नहीं: 14 सितम्बर की हमारी पेज एक की हैडलाइन थी ‘ना होगा यूपी का बंटवारा, ना पूर्ण राज्य बनेगा दिल्ली, झूठी खबरों की चैतरफा उड़ी खिल्ली।’ जब देश में चार राज्यों की भौगोलिक स्थिति बदलने की खबरे सोशल मीडिया और कुख अखबारों में छाई हुई थी तो प्रभात ने अपने पाठकों को सबसे पहले सच बताया था कि कहीं कोई बंटवारा नहीं होने वाला। अंगाजा लगाइए, बीबीसी जैसी हिन्दी सेवा ने इस झूठे वायरल का शुक्रवार को पोस्टमार्टम किया है। इतना ही नहीं देश के नंबर वन की अखबारों की अंधी दौड़ में अपने को अव्वल दर्जे का मानने वाले एनबीटी ने भी अपने पाठकों को इस वायरल का सच 20 सितम्बर को ही बताया। जबकि हम पाठको को छह दिन पहले ही इस वायरल खबर को एटीबॉयोटिक दे चुके थे। तो सबसे आगे कौन? हमारा नारा ही नहीं बल्कि पाठकों का ही विश्वास कहता है कि प्रभात 75 वर्षों से अपने पाठकों को रखे सबसे आगे। आपके साथ के भरोसे यूं ही हम आगे बढ़ते जायेंगे…