गीता सार

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सुख-दुख का आना-जाना लगा रहता है। जो व्यक्ति गलत इच्छाओं को और लालच को छोड़ देता है, उसे शांति मिलती है। कोई भी इंसान इच्छाओं के बिना नहीं रह सकता है, लेकिन हम अपनी इच्छाओं को धर्म के अनुसार बदल जरूर सकते हैं।

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